
भला ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि महात्मा गांधी के सबसे करीबी रह चुके उनके पोते कनु भाई गांधी को गुजरात छोड़कर दिल्ली का रुख करना पड़ा? लेकिन इससे भी अधिक दुखद यह कि 'बिना खड़ग और बिना ढाल' के आजादी दिलाने वाले गांधी के पोते को दिल्ली में एक जेजे कॉलोनी में बने ओल्ड एज होम मे रहना पड़ रहा है.
दिल्ली के बदरपुर इलाके के पास बसी इस बस्ती में पिछले कुछ समय से ज्यादा रौनक लगी है. यहां विश्राम ओल्ड एज होम में लगातार लोगों का आना जाना बना हुआ है. दरअसल, बीते 8 मई को महात्मा गांधी के पोते कनु भाई गांधी गुजरात छोड़ यहां रहने पहुंचे हैं. हालांकि, वह इसके पीछे की वजह खुलकर नहीं बता रहे हैं. लेकिन इशारों में ही बहुत कुछ कह गए. वह कहते हैं, 'गुजरात के लोग गांधी विरोधी हो गए हैं. कारण बाद मे बताऊंगा.'
40 साल अमेरिका में गुजराने के बाद स्वदेश लौटे
अपनी जिंदगी के बहुमूल्य 40 साल अमेरिका में गुजारने के बाद कनु भाई को शायद देश की याद भारत खींच लाई. वह पहले गुजरात पहुंचे, लेकिन गुजरात ना भाया तो दिल्ली पहंच गए और अब दिल्ली में इस तरह ओल्ड एज होम में रहने का उन्हें कोई मलाल नहीं है. दिलचस्प बात यह है कि उन्हें सरकार से कोई सहायता नहीं चाहिए, बल्कि वो तो कह रहे हैं कि वह खुद सेवा करना चाहते हैं.
'परिवार वाले सम्मान के लायक नहीं'
देश के महान नेताओं की फैमिली और उनके सम्मान को लेकर सवाल का जवाब देते हुए कनु भाई कहते हैं, 'गांधी के परिवार वाले सम्मान के लायक नहीं. बाबू ने हमेशा अपने परिवार को नीचे रखा, लेकिन अब उनके परिवार के लोग ऊपर रहना चाहते हैं.'
PM मोदी से है मुलाकात की इच्छा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाल ही बिताए कुछ पल उन्हें याद हैं. सेवा आश्रम में पीएम का विरोध होने पर कनु भाई कहते हैं, 'मैंने उनका समर्थन किया. वो अच्छे इंसान हैं.' हालांकि मोदी की लीडरशिप को लेकर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की. वह कहते हैं, 'ये मैं कैसे कह सकता हूं.' फिलहाल कनु भाई का सपना इस उम्र में भी देश की सेवा करना है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करना चाहते हैं.
'देश में खत्म हो चुकी है त्याग की भावना'
बहरहाल, इस पूरी बातचीत के दौरान कनु भाई की पत्नी कैमरे के सामने आने से परहेज करती रहीं. लेकिन बातों ही बातों में कहा, 'जिस देश की कल्पना लेकर वापस आए थे, देश ऐसा नहीं है. लोगों में त्याग की भावना खत्म हो चुकी है.' हालांकि, सरकार मे आए परिवर्तन को वो अच्छा मानती हैं और उन्हें उम्मीद है कि मोदी देश के लिए कुछ अच्छा करेंगे.
'यह कनु भाई और उनकी पत्नी की महानता है'
ओल्ड एज होम के संस्थापक डॉ. भगत भी मानते हैं कि कनु भाई और उनकी पत्नी का उनके साथ ठहरना महानता है. वह कहते हैं, 'यहां सड़क से उठाकर लाए बुजुर्गों को सहारा मिलता है. वैसे हम अपनी तरफ से उन्हें पूरी सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं.'