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लंदन जाने से रोके जाने पर ग्रीनपीस कार्यकर्ता ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकी दाखिल की. ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई ने एयरपोर्ट पर रोके जाने को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताया.
पिल्लई ने इसे अपनी प्रतिष्ठा को जानबूझकर बदनाम करने की साजिश बताया. याद रहे कि 11 जनवरी 2015 को, प्रिया ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करने के लिए लंदन जा रही थीं. वहां उन्हें ब्रिटिश सांसदों को सिंगरौली स्थित महान वन क्षेत्र, मध्य प्रदेश में लंदन स्थित कंपनी एस्सार द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों और वनाधिकार के उल्लंघन को लेकर बात करने वाली थीं. लेकिन प्रिया को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने प्रिया के पास जरूरी कागज न होने की बात कही थी. जिसे ग्रीनपीस ने सिरे से नकार दिया था. इससे पहले पिछले साल जून में, गृह मंत्रालय ने ग्रीनपीस इंडिया को ग्रीनपीस इंटरनेशनल और क्लाईमेट वर्क्स फाउंडेशन से मिलने वाली विदेशी फंड पर रोक लगा दी थी. लेकिन पिछले हफ्ते 20 जनवरी को हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को अवरुद्ध फंड ग्रीनपीस इंडिया के खाते में जमा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने यह भी माना कि मंत्रालय की कार्यवाही मनमानी, अवैध और असंवैधानिक है.