Advertisement

आधी रात को हुआ GST का आगाज, बदल गया देश में टैक्स सिस्टम

माल एवं सेवाकर जीएसटी के लागू होने पर ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं, बीमा प्रीमियम भुगतानों और क्रेडिट कार्ड के बिलों पर थोड़ी ज्यादा जेब ढीली करनी होगी क्योंकि यह सभी सेवाएं जीएसटी की 18 प्रतिशत दर के दायरे में आएंगी जिन पर अभी 15 प्रतिशत की दर से कर लगता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

30 जून की आधी रात मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आखिरकार जीएसटी लॉन्च कर दिया. इसी के साथ देश में टैक्स की नई दरें भी लागू हो गईं. आपको बता दें कि देश में जीएसटी पिछले 17 सालों से इस दिन का इंतजार कर रहा था. जीएसटी से पूरा देश का पूरा टैक्स सिस्टम बदल जाएगा. आइए जानते हैं यह कैसे नागरिकों पर असर डालेगी.

Advertisement

निर्माणाधीन रियल एस्टेट पर प्रभावी जीएसटी दर 12 फीसदी

निर्माणाधीन रियल एस्टेट परियोजनाओं पर जीएसटी की प्रभावी दर 12 प्रतिशत होगी ना कि 18 प्रतिशत क्योंकि जमीन के दाम इसमें शामिल नहीं होंगे. कर सलाहकार ईवाई ने यह बात कही है. रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय क्रेडाई के अध्यक्ष जक्षय शाह ने यह भी कहा कि प्रभावी जीएसटी दर 12 प्रतिशत रहेगी और उन्होंने आश्वासन दिया कि कानून के मुताबिक डेवलपर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मकान के खरीददारों को देंगे.

आपको बता दें कि गुरुवार को सरकार ने निर्माण क्षेत्र पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी थी लेकिन कर देनदारी की गणना में जमीन के मूल्य को अलग कर दिया. पहले उस धनराशि में जमीन का मूल्य जोड़ा जाना था जिस पर कर का आंकलन किया जाता. टैक्स भागीदार ईवाई के अभिषेक जैन ने कहा कि इस क्षेत्र में संशय है कि सरकार ने निर्माणाधीन परियोजनाओं पर जीएसटी परिषद द्वारा पहले प्रस्तावित जीएसटी कर 12 फीसदी को बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है. यह संशय गलतफहमी के कारण है क्योंकि जब आप 18 फीसदी की दर लगाते हैं तब जमीन के मूल्य में एक तिहाई की कमी की जाती है ऐसे में प्रभावी जीएसटी दर 12 प्रतिशत रह जाती है. क्रेडाई के अध्यक्ष जक्षय शाह से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने भी कहा कि निर्माणाधीन संपत्तियों पर जीएसटी की प्रभावी दर 12 प्रतिशत ही होगी.

Advertisement

बैंक सेवाओं, प्रीमियम, क्रेडिट कार्ड बिलों पर शनिवार से ज्यादा शुल्क

माल एवं सेवाकर जीएसटी के लागू होने पर ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं, बीमा प्रीमियम भुगतानों और क्रेडिट कार्ड के बिलों पर थोड़ी ज्यादा जेब ढीली करनी होगी क्योंकि यह सभी सेवाएं जीएसटी की 18 प्रतिशत दर के दायरे में आएंगी जिन पर अभी 15 प्रतिशत की दर से कर लगता है. बैंकों और बीमा कंपनियों ने पहले ही अपने ग्राहकों को इस संबंध में संदेश भेजने शुरू कर दिए हैं. भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपने संदेश में लिखा है कि जीएसटी के तहत सेवाकर की दर में बदलाव एक जुलाई 2017 से प्रभावी होगा. इसी प्रकार के संदेश में पंजाब नेशनल बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि बैंकिंग सेवाओं पर एक जुलाई से कर की दर 15प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रहेगी.

पुस्तकें और पेंसिलें महंगी होने की संभावना नहीं

मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जीएसटी लॉन्च होने से पहले कहा कि माल एवं सेवा कर प्रणाली के तहत पेंसिल व किताबों जैसे स्कूली सामान के महंगा होने की संभावना नहीं है. जावड़ेकर ने 'आज तक' के कार्यक्रम में कहा कि 81 प्रतिशत वस्तुओं के लिए जीएसटी दर 18 प्रतिशत से कम रखी गई है इसलिए वास्तव में ज्यादातर उपभोक्ता वस्तुएं महंगी नहीं होने जा रहीं. मंत्री ने कहा कि जीएसटी को लेकर लोगों की राय अलग-अलग है और उनकी चिंताएं उचित हैं लेकिन आने वाले दिनों में वे धीरे-धीरे इसके फायदों को समझेंगे और इस नये बदलाव, नये कर को स्वीकार करेंगे. उन्होंने कहा कि इस बारे में और अधिक जागरुकता फैलाई जाएगी.

Advertisement

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement