
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े सभी लंबित नियमों को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 15वीं बैठक में सोना, बिस्कुट, टेक्सटाइल, जूता, बीड़ी, सिगरेट, सोलर पैनल और खेती से जुड़े आठ तरह के उत्पादों पर जीएसटी दर तय होगी. हालांकि खाद्य पदार्थों के दामों को लेकर तमिलनाडु को कुछ ऐतराज है.
खाद्य पदार्थों पर शून्य दर की मांग
विज्ञान भवन में बैठक के दौरान तमिलनाडु के वित्त मंत्री जयाकुमार ने कहा कि आम आदमी के हित से जुड़ी खाने की चीजों की दरों पर दोबारा गौर किया जाना चाहिए. चावल, आटा और जौ जैसे अनाजों पर शून्य दर को जीएसटी काउंसिल ने एक मत से मंजूरी दी है. लेकिन डिब्बाबंद और ब्रांडेड खाद्य पदार्थों पर 5 फीसदी कर लगाया है. तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार चाहती है कि इन पर से भी टैक्स हटाया जाए.
वित्त मंत्री जयाकुमार ने कहा, 'सभी खाद्य पदार्थो पर, चाहे वो ब्रांडेड हो या गैर-ब्रांडेड, उन पर शून्य कर लगना चाहिए. आटा, मैदा, बेसन और अन्य आटे को एक श्रेणी में रखना चाहिए. चाहे वो रिफिल कैन में बेचे जाएं या छोटे प्लास्टिक पाऊच में. इसे बोतलबंद पानी से अलग किया जाना चाहिए. क्योंकि समाज का कम आय वाला वर्ग इसका इस्तेमाल करता है.
'कुटीर उद्योगों पर बढ़ा टैक्स'
जयाकुमार का कहना था कि पाल्मीरा गुड़ और पाल्मीरा चीनी कुटीर उद्योग के उत्पाद हैं. जीएसटी के प्रावधानों में अलग से इनका जिक्र नहीं है. इसके चलते ये 18 फीसदी टैक्स की श्रेणी में आ गए हैं. उनकी मांग थी कि अचार और मसालों पर कर की दर 5 फीसदी होनी चाहिए. कुमार ने काउंसिल को याद दिलाया कि वेट ग्राइंडर ज्यादातर कोयंबटूर में बनते हैं. उनपर टैक्स का रेट 28 फीसदी के बजाए 18 फीसदी होना चाहिए.
'हाथ से बने गहने हों सस्ते'
जयाकुमार ने सुझाव दिया कि सोने के आभूषणों को हस्तनिर्मित और मशीन निर्मित श्रेणियों में बांटा जाना चाहिए. हाथ से बने गहनों पर टैक्स घटाया जाना चाहिए. उनका कहना था कि सभी तरह की फिल्मों पर 28 फीसदी टैक्स से तमिलनाडु के फिल्म उद्योग पर असर पड़ेगा.