GST रेट हुए कम, तो रेस्तरां मालिकों ने ऐसे निकाला तोड़

जीएसटी परिषद ने एसी और नॉन-एसी होटलों के लिए एक समान रेट कर दिया है. अब दोनों पर 5 फीसदी जीएसटी रेट लगता है. ऐसी स्थ‍िति में जहां आम आदमी के लिए होटल व रेस्टोरेंट में खान सस्ता होना चाहिए था, लेक‍िन ऐसा हो नहीं रहा है.

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विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

जीएसटी परिषद ने एसी और नॉन-एसी होटलों के लिए एक समान रेट कर दिया है. अब दोनों पर 5 फीसदी जीएसटी रेट लगता है. ऐसी स्थ‍िति में जहां आम आदमी के लिए होटल व रेस्टोरेंट में खाना सस्ता होना चाहिए था, लेक‍िन ऐसा हो नहीं रहा है. लोगों ने सोशल मीडिया पर बताया कि कैसे होटल और रेस्टोरेंट जीएसटी रेट घटने पर भी इसका फायदा आम लोगों तक नहीं पहुंचा रहे हैं.

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कई लोगों ने ट्विटर पर एक ही होटल के दो बिल दिखाकर फर्क  बताया कि किस तरह 5 फीसदी जीएसटी रेट होने के बावजूद भी उन्हें पुरानी दरों पर ही बिल चुकाना पड़ रहा है.

एक यूजर ने लिखा, ''सरकार ने तो जीएसटी रेट 18 फीसदी से 5 फीसदी कर दिया है, लेकिन होटल इन रेट का फायदा ग्राहकों को नहीं पहुंचा रहे हैं.

It's a forward so that's my first disclaimer. See what this restaurant has done. Even after steep cut in GST, kept post GST price same by sharply increasing the base price. pic.twitter.com/rM3S4RBVaZ

— Anuj Singhal (@_anujsinghal) November 15, 2017

मैकडोनल्ड ने दी सफाई

होटल पर लगने वाला नया जीएसटी रेट बुधवार से लागू हो गया है.  जीएसटी रेट 5 फीसदी होने के बाद भी लोगों को कीमतों में ज्यादा राहत न देने पर लोगों ने मैकडोनल्ड की सोशल मीडिया पर खिंचाई करनी शुरू कर दी है. घटे रेट का फायदा ग्राहकों को न देने को लेकर रेस्तरां ने अपनी ओर से सफाई जारी की है.

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कहा बढ़ गया है खर्च

मैकडोनल्ड ने एक ट्वीट कर कहा है कि जीएसटी रेट भले ही 18 फीसदी से 5 फीसदी कर दिया गया है, लेक‍िन इनपुट टैक्स क्रेडिट हटा दिया गया है. इसकी वजह से हमारा ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ गया है. रेस्तरां ने कहा कि हमने कीमतों के ढांचे में कुछ ऐसे बदलाव किया है, जिससे ग्राहकों की जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े और उनकी तरफ से चुकाया जाने वाला बिल समान रहे.

200 से ज्यादा उत्पादों के घटे रेट

जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों 200 से भी ज्यादा उत्पादों के रेट में बदलाव किया है. इसमें होटल पर लगने वाले जीएसटी रेट को भी घटाया गया है. पहले जहां एसी वाले होटलों को 18 फीसदी जीएसटी और नॉन-एसी वालों को 12 फीसदी जीएसटी देना पड़ता था. अब यह रेट घटाकर दोनों तरह के होटलों के लिए 5 फीसदी कर दिया गया है.

रेस्तरां और होटलों की काउंस‍िल पहले ही इस बात का संकेत दे चुकी है कि जीएसटी रेट  घटाए जाने से उसे कोई फायदा नहीं होगा. क्योंकि इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट घटा दिया गया है. इससे उनका खर्च बढ़ेगा और वह मेन्यू प्राइस बढ़ा सकते हैं.  उन्होंने कहा था कि वह 12 फीसदी तक चार्ज बढ़ा सकते हैं.

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इसका असर दिखने भी लगा है. होटल मालिकों ने मेन्यू प्राइस बढ़ाना भी शुरू कर दिया है. इसकी वजह से जीएसटी रेट के घटने का फायदा आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है. हालांक‍ि अभी सभी होटल व रेस्टोरेंट ने रेट नहीं बढ़ाए हैं.

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