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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जीएसटी को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने जीएसटी के हायर स्लैब में शामिल कुछ उत्पादों का जीएसटी रेट घटाने की तरफ भी इशारा किया.
राजस्व सचिव के बयान का किया समर्थन
अर्थव्यवस्था की स्थिति पर हुई प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजस्व सचिव हंसमुख अधिया के उस बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी के तहत कई चीजों के रेट घटाए जाएंगे.
'टैक्स स्लैब में बदलाव करने में हर्ज नहीं'
इस पर जेटली ने कहा कि जीएसटी के तहत शुरुआत में जो रेट तय किए गए थे, उन्हें दो चीजों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया. इसमें पुरानी व्यवस्था में इन उत्पादों पर लगने वाला टैक्स और रेवेन्यू न्यूट्रैलिटी को ध्यान में रखा गया. इससे जब केंद्र व राज्य सरकार का टैक्स से जुटने वाला खर्च जुट जाएगा, तो उत्पादों के टैक्स स्लैब में बदलाव करने में कोई हर्ज नहीं है.
रजिस्ट्रेशन बहुत अच्छी स्थिति में
वित्त मंत्री ने जीएसटी के तहत कम रजिस्ट्रेशन होने को लेकर कहा कि अब तक जो भी ट्रेड रजिस्ट्रेशन हुए हैं. उनका आंकड़ा काफी उत्साहजनक है. महज तीन महीनों के भीतर 72 लाख लोगों ने पुरानी व्यवस्था से नई व्यवस्था में खुद को रजिस्टर किया है. यह एक सकारात्मक संकेत है.
बढ़ रहा है जीएसटी कलेक्शन
जीएसटी रिटर्न को लेकर उन्होंने कहा कि हर महीने 93 से 94 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हो रहा है. यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
विपक्ष के काला दिवस मनाने पर बोले जेटली
8 नवंबर को विपक्ष की तरफ से काला दिवस मनाए जाने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें यह दिवस मनाने दिया जाएगा. इससे पता चलता है कि विपक्ष कैश इकोनॉमी के प्रति अपनी श्रद्धा जता रहा है. उन्हें जताने दीजिए.
कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देती रहेगी सरकार
सरकार कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. वित्त मंत्री ने कहा कि उनसे 8 नवंबर को ही वाद-विवाद कर लेंगे. दरअसल 8 नवंबर को पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी. विपक्ष इस दिन को 'काला दिवस' के तौर पर मनाने की तैयारी कर रहा है.