
देशभर में एक समान टैक्स प्रणाली (GST- गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की शुरुआत भारतीय अर्थशास्त्र के इतिहास में दर्ज होने को तैयार है. क्या यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगा?
इस सवाल के जवाब में केन्द्र सरकार और दुनियाभर के कई अर्थशास्त्री समय-समय पर दावा कर चुक है कि इससे देश में कारोबारी माहौल सुधरेगा. ऐसा इसलिए कि यह फैसला ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. वहीं इस फैसले से देश की आर्थिक गतिविधियों में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे जिसका सीधा असर विकास दर पड़ेगा.
जीएसटी देश की टैक्स व्यवस्था बदलने जा रही है. इस बदलाव से सरकार के लिए कारोबार से टैक्स वसूलना बेहद आसान हो जाएगा. टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी. वहीं जीएसटी पूरी तरह से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) पर निर्भर रहेगी. इसके चलते सरकार के पास देश में हो रहे कारोबार की पाई-पाई का हिसाब मौजूद रहेगा. वहीं सरकार के लिए टैक्स वसूलने और टैक्स का आंकड़ा रखने के खर्च में बड़ी कटौती देखने को मिलेगी. इन सभी बदलावों से केन्द्र समेत राज्य सरकारों के सबसे बड़े आमदनी श्रोत से सर्वाधिक कमाई का रास्ता साफ हो जाएगा.
बदलेगा कारोबार का तरीका
जीएसटी लागू होने से पूरा देश एक बाजार बन जाएगा. देश के किसी कोने में लगी इंडस्ट्री को राज्यों की सीमा पार करने पर अलग-अलग तरह के दर्जनों कारोबारी टैक्स से छुटकारा मिल जाएगा. उसे उसके कारोबार में एक समान टैक्स दर पूरे देश में मिलेगी और इसके साथ ही कारोबार में टैक्स मामलों का काम करने की लागत में बड़ी कटौती देखने को मिलेगी. यह पूरा काम ऑटोमेटेड तरीके से डिजिटल माध्यम से किया जाएगा.
जितना कारोबार उतनी कमाई
बीते 70 साल के दौरान देश के महज आधा दर्जन राज्य ऐसे जहां सरकार को कारोबारी के टैक्स से बड़ी कमाई होती है. इनमें अहम हैं महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु इत्यादि. ये राज्य औद्योगिक गतिविधि में सबसे आगे हैं. जाहिर है इन राज्यों की सरकारों के पास टैक्स आय अधिक है और वहां कारोबार करने के संसाधन बाकी राज्यों से बेहतर हैं. जीएसटी लागू होने के बाद, फायदे में न सिर्फ वह राज्य रहेंगे जहां औद्योगिक गतिविधि अधिक है बल्कि वह राज्य भी शामिल हैं जहां खपत अधिक है. ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद देश के किसी भी कोने में नया इंडस्ट्रियल जोन बनाया जा सकेगा और सभी राज्यों में कारोबारी तेजी की संभावना बढ़ जाएगी.
ऐसे में जाहिर है कि सरकार की टैक्स में कमाई बढ़ने से देश में कारोबारी तेजी के संसाधन जुटाने का काम आसान हो जाएगा. एकीकृत और सरल टैक्स व्यवस्था से विदेशी निवेश का रास्ता साफ होने के आसार हैं. इन कारणों से केन्द्र सरकार और आर्थिक जानकारों का दावा है कि देश की विकास दर को रफ्तार मिलना तय है.