
लंबे समय से अपनी मांगें मनवाने को लेकर दिल्ली के हजारों गेस्ट टीचर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को सैकड़ों की तादाद में गेस्ट टीचर्स उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर इकट्ठा हुए. इस दौरान गेस्ट टीचरों ने जमकर नारेबाजी की और खाली थाली पीट कर सरकार को जगाने की कोशिश की.
ये हैं पांच बड़ी मांगें -
1. पहली मांग गेस्ट टीचर्स को स्थाई करने की पॉलिसी बनाने को लेकर है. इस विषय पर सरकार ने कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी अपना विचार रखा है, लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है.
2. दूसरी मांग गेस्ट टीचर्स के वेतन फिक्स को लेकर है. गेस्ट टीचर्स को आज भी दिहाड़ी के रूप 700, 800, 900 दैनिक के रूप में वेतन दिया जाता है. चाहते हैं कि गेस्ट टीचर्स को स्थाई किए जाने तक परमानेंट टीचर्स की तरह एकमुश्त मासिक वेतन दिया जाए.
3. तीसरी मांग पोस्ट फिक्सेशन को लेकर है. गेस्ट टीचर्स की पोस्ट को स्कूल में रिक्त दिखाया जाता है, जिससे परमानेंट आने पर गेस्ट टीचर्स को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. गेस्ट टीचर्स की मांग है कि उनकी पोस्ट को रिक्त न दिखाया जाए.
4. चौथी मांग उन गेस्ट टीचर्स को दोबारा सेवा में लेने को है, जिन्हें किसी भी कारण से जैसे स्थाई शिक्षक की नियुक्ति, ट्रांसफर या अन्य कारणों से हटाया गया है.
5. पांचवी मांग महिला गेस्ट शिक्षकों को वैतनिक मातृत्व अवकाश को लेकर है. अभी तक महिला गेस्ट टीचर्स को मातृत्व समय में अनुपस्थित रहने पर नौकरी से हटा दिया जाता था.
गेस्ट टीचर्स का कहना है दिल्ली सरकार अपने वादों को पूरा करने में आवश्यकता से अधिक समय लगा रही है. इसके विरोध में गत 17 जुलाई को भी सिसोदिया आवास के बाहर एक दिन का शांतिपूर्ण सांकेतिक प्रदर्शन किया था. तब 31 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया था पर कुछ नहीं हुआ.
सरकार से मिला दो महीने का समय
सरकार में शिक्षा संसदीय सचिव प्रवीण देशमुख ने बाहर आकर कहा कि मामला टेक्निकल है. इसलिए दो महीने का समय दिया जाए.
... तो स्कूलों का बहिष्कार करेंगे गेस्ट टीचर्स
गेस्ट टीचर्स ने सरकार को चेताया कि अगर दो महीने में मांग पूरी नहीं होती है, तो गेस्ट टीचर्स शिक्षण असहयोग आंदोलन छेड़ेंगे. सभी गेस्ट टीचर्स स्कूल्स का बहिष्कार कर भूख हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.