
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात के गोधरा के करीब 80 लोग पाकिस्तान में फंस गए हैं. इन लोगों के परिजनों ने मोदी सरकार से मदद की गुहार लगाई है. भारत और पाकिस्तान के बीच रेल सेवा बंद होने की वजह से ये भारतीय वतन वापसी नहीं कर पा रहे हैं. पाकिस्तान में फंसे इन लोगों के परिजनों से मोदी सरकार से मामले को गंभीरता से लेने और उनको मुल्क वापस लाने की अपील की है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. उसने इस बौखलाहट में आकर भारत और पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन को बंद कर दिया है. यह ट्रेन दिल्ली से चलकर अटारी वाघा बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान के लाहौर जाती थी. साल 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौता के बाद साल 1976 में दोनों देशों के बीच समझौता एक्सप्रेस चलाई गई थी.
सामाजिक कार्यकर्ता हाजी फिरदोशी ने बताया कि गोधरा के करीब 80 लोग पाकिस्तान में फंस गए हैं. ये लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान गए थे, लेकिन समझौता एक्सप्रेस के बंद होने से वापस स्वदेश नहीं लौट पाए. उन्होंने कहा, 'मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह पाकिस्तान में फंसे गोधरा के लोगों को वापस लाने की कोशिश करे.'
इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद इदरीस घोष ने कहा, 'गोधरा के ये लोग सभी औपचारिक प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद पाकिस्तान गए हैं. लिहाजा हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो इन लोगों को पाकिस्तान से वापस लाए.'
गोधरा निवासी मोहम्मद युसुफ ने बताया कि पाकिस्तान में जो लोग फंसे हुए हैं, उनमें उनका भाई मोहम्मद अकरम भी शामिल है. युसुफ ने कहा, 'मेरा भाई मोहम्मद अकरम अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान गए थे. भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेन सेवा बंद होने से मेरा भाई अकरम पाकिस्तान में फंस गया है. इसको लेकर मेरा मां-बाप बेहद परेशान हैं. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो अकरम समेत सभी वो वापस लाए.
इस मामले में गोधरा के तहसीलदार एचए पंजाबी ने बताया कि हम इसकी जांच कर रहे हैं कि कितने लोग पाकिस्तान गए हैं और इन लोगों को वापस अपने मुल्क कब आना था. इसकी जानकारी जुटाई जाएगी और कलेक्टर को दी जाएगी. इसके बाद सरकार को अपील भेजी जाएगी.