Advertisement

दिल्ली-लखनऊ के बाद अहमदाबाद में भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर पथराव

अहमदाबाद के शाहआलम इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. काफी देर बाद हालात पर काबू पाया जा सका.

विरोध प्रदर्शन की फाइल फोटो (ANI) विरोध प्रदर्शन की फाइल फोटो (ANI)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 19 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

  • शाह आलम इलाके में पुलिस टीम पर पथराव
  • कई प्रदर्शनकारी हिरासत में, हालात स्थिर

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों से उग्र विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़कने के बाद अब गुजरात के अहमदाबाद में भी प्रदर्शन तेज हो गया है. अहमदाबाद के शाहआलम इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. काफी देर तक चली मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया जा सका.

Advertisement

गुरुवार को गुजरात बंद का ऐलान किया गया था जिसे लेकर गुजरात में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. पालनपुर जिले के छपी में हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए और सड़क जाम कर दिया. हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. इसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी को धक्का दे दिया. पुलिस की गाड़ी उलटने की भी कोशिश की गई. बाद में एहतियात बरतते हुए अहमदाबाद-पालनपुर हाइवे को बंद कर दिया गया.

लखनऊ में भारी हिंसा

उधर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने दो पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं. प्रदर्शनकारियों ने डालीगंज और हजरतगंज इलाके में जमकर उत्पात मचाया और तोड़फोड़ किया.

Advertisement

दिल्ली में मोबाइल सेवा बंद

दूसरी ओर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन तेज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने एयरटेल, जियो, एमटीएनएल, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया सेलफोन ऑपरेटरों को पत्र लिखा है कि वे राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सभी संचार सेवाओं को बंद कर दें. दिल्ली पुलिस की ओर से सेलफोन ऑपरेटरों को लिखे गए पत्र में कहा गया है, मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि सभी प्रकार के संचार, यानी कॉल, एसएमएस और इंटरनेट को रोक दिया जाए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement