
गुजरात के सरकारी कर्मचारियों के महकमे में तब हड़कंप मच गया जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने कर्मचारियों के घर पर छापा मारा. एक साथ पांच सरकारी कर्मचारियों के यहां हुई इस छापेमारी के चलते पूरा सचिवालय सकते में आ गया.
गांधीनगर के जलसंपत्ति विकास निगम के चौथे वर्ग के कर्मचारी यानी चपरासी के पास से ACB ने छापे के दौरान 1.18 करोड़ रुपए संपत्ति जब्त की है, साथ ही भष्ट्राचार कानून के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई भी शुरू कर दी है. हंसमुख रतिलाल रावल नाम का ये चपरासी अप्रैल 2004 से 31 मार्च 2016 तक गुजरात के जलसंपति विकास निगम में नौकरी करता था. आय से ज्यादा सपंति के मामले में एसीबी ने पाया कि उसने बड़ी तादाद में प्रॉपर्टी खरीदी है.
ना सिर्फ चपरासी बल्की ACB के छापे में सबसे ज्यादा संपत्ति गुजरात सरकार के ऊर्जा ओर पेट्रोकेमिकल डिपार्टमेंट में काम करने वाले क्लास दो अधिकारी भरतगीरी गोस्वामी के यहां से 11.56 करोड़ की संपत्ति बरामद हुई है. एसीबी ने इस मामले में आय से करीबन 2489 फीसदी ज्यादा सपंति होने का खुलासा भी किया है.
वहीं गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में राजस्व विभाग में काम करने वाले क्लास 3 के कमर्चारी के पास से 33.9 लाख रुपए की सपंति बरामद हुई है. जबकि शिक्षा विभाग भी एसीबी के छापेमारी से बाहार नहीं है. एक कॉलेज के प्रिंसिपल चंद्रिका वाढेर के यहां छापेमारी में 68.98 लाख रुपये की संपत्ति बरामद हुई है.