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गुजरात में क्या कांग्रेस के बागी ही बिगाड़ेंगे राहुल गांधी का खेल?

कांग्रेस गुजरात के युवा त्रिमूर्ति के दम पर दो दशक के वनवास को खत्म करने लगी है, तो वहीं बीजेपी अपने सत्ता को बचाए रखने के लिए कांग्रेस के बागी विधायकों का सहारा ले रही है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी विधायकों को सियासी रण में उतारने का मन बनाया है.

कांग्रेस के बागी बलवंत सिंह बीजेपी में कांग्रेस के बागी बलवंत सिंह बीजेपी में
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव की सियासी रणभूमि में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस गुजरात के युवा त्रिमूर्ति के दम पर दो दशक के वनवास को खत्म करने में लगी है, तो वहीं बीजेपी अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए कांग्रेस के बागी विधायकों का सहारा ले रही है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी विधायकों को सियासी रण में उतारने का मन बनाया है.

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गुजरात को फतह करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मोर्चा संभाले हुए हैं. राहुल गांधी ने गुजरात में ओबीसी के युवा चेहरा अल्पेश ठाकोर को अपने साथ कर लिया है. दूसरी ओर बीजेपी कांग्रेस के हथियार से उसे एक बार मात देने की जद्दोजहद की है. बीजेपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 14 विद्रोहियों पर दांव लगाने के लिए तैयार है.

यूपी उत्तराखंड फार्मूले पर बीजेपी

बीजेपी यूपी और उत्तराखंड के फार्मूले को गुजरात में अजमाना चाहती है. यूपी सपा, बसपा और कांग्रेस के विधायकों और उत्तराखंड में आधा दर्जन के करीब कांग्रेस के विधायकों को जिस प्रकार चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल कराया था और उन्हें विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टिकट देकर मैदान में उतारा था. चुनाव में ये सभी विधायक जीतकर आए थे. उसी फार्मूले को गुजरात में भी बीजेपी दोहराना चाहती है.

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बता दें कि गुजरात के राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के कई विधायकों ने पार्टी से बगावत कर बैठे थे. इनमें से कई विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी इन विधायकों पर दांव लगाने जा रही है. बीजेपी को उम्मीद है कि कांग्रेस के बागी विधायक अपनी-अपनी सीट को बरकरार रखने में सफल रहेंगे. यही वजह है कि बीजेपी इन पर दांव लगाने जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के 12 बागी विधायकों को पार्टी से टिकट देने का फैसला किया है. जबकि शंकर सिंह वाघेला और उनके बेटे महेंद्र सिंह तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे हैं. गुजरात के बदले सियासी माहौल में शंकर सिंह वाघेला बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते हैं. क्योंकि वाघेला की राजनीतिक पृष्ठभूमि जनसंघ की रही है.

कांग्रेस के बागी विधायकों का अपना राजनीतिक आधार है. यही वजह है कि 2012 में बीजेपी की लहर में भी ये कांग्रेस से जीतने में सफल रहे हैं. ऐसे में बीजेपी को लगता है कि इस बार भी कांग्रेस के बागी जीतने में सफल हो सकते हैं. इसी मद्देनजर पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारने का मन बनाया है.

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