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गुजरात में पहले चरण का समझें समीकरण, इन दिग्गजों की साख दांव पर

गुजरात के सियासी रण के लिए पहले चरण का मतदान बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सौराष्ट्र की 54 विधानसभा सीटें है और दक्षिण गुजरात की 35 विधानसभा सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र की 54 सीटों में बीजेपी 34 और कांग्रेस ने 20 सीटें जीत दर्ज की थी.

गुजरात के मतदाता (फाइल फोटो) गुजरात के मतदाता (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली\ अहमदाबाद,
  • 07 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होता नजर आ रहा है. गुजरात के पहले चरण का चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे थम जाएगा. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को राज्य की 19 जिलों की 89 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पहले चरण वाले मतदान के क्षेत्र में गुजरात का सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात शामिल है.

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पहले चरण में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी, मंत्री बाबू बोखीरिया तो वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाडिया, नौशाद सोलंकी, शक्ति सिंह गोहिल की प्रतिष्ठा दांव पर है. राज्य की 89 सीटों के लिए 977 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. जिसमें 10 तालुका, 939 गांव और छह नगरपालिकाएं आती हैं.

इन 19 जिलों की 89 सीटें

गुजरात के कच्छ, सुरेंद्रनगर, मोराबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरोली, भावनगर, बोटाड, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड जिले की 89 विधानसभा सीटें हैं.

सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण

बता दें कि गुजरात के सियासी रण के लिए पहले चरण का मतदान बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सौराष्ट्र की 54 विधानसभा सीटें है और दक्षिण गुजरात की 35 विधानसभा सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र की 54 सीटों में बीजेपी 34 और कांग्रेस ने 20 सीटें जीत दर्ज की थी.

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पाटीदार किंगमेकर

गुजरात की राजनीति में सौराष्ट्र-कच्छ की काफी अहम भूमिका रही है. राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें इस क्षेत्र से आती हैं. सौराष्ट्र में बड़ी आबादी पाटीदार समाज की है और उसमें भी खासकर लेऊवा पटेल की. इस क्षेत्र में कम से कम 32 से 38 विधानसभा सीटों पर पटेल समुदाय किसी को भी पार्टी को चुनाव हराने और जिताने का फैसला करते हैं.

पटेल बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब

2014 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम से देश के पीएम बन जाने के बाद से पाटीदारों पर बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल के नेतृत्व में शुरू हुआ पटेल आंदोलन ने बीजेपी की पकड़ को कमजोर कर दिया है. इसी का नतीजा रहा कि 2015 में हुए जिला पंचायत चुनाव में से सौराष्ट्र की 11 में से 8 पर कांग्रेस विजयी रही. ऐसे में अब देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में भी दोहराती है, या फिर नहीं.

पहले चरण में दिग्गज

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 89 सीटों पर 977 उम्मीदवार सियासी रणभूमि में हैं. इनमें कई सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. पहले चरण की कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने अपने दिग्गज को मैदान में उतारा है. ऐसे में पहले चरण का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है.

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पहले चरण में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी, मंत्री बाबू बोखीरिया, जयेश रादाडिया, जासा बरद तो वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाडिया, नौशाद सोलंकी, राघवजी पटेल और धर्मेंद्र सिंह जडेजा की प्रतिष्ठा दांव पर है.

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