
सर्दियां आने वाली हैं और गुजरात चुनाव से पहले अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वित्तमंत्री अरुण जेटली के लिए सबसे जरूरी टास्क है. इस साल के अंत में गुजरात चुनाव है और अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को लेकर विपक्ष हमलावर है, तो बीजेपी के भीतर से भी मोदी एंड कंपनी पर हमले हो रहे हैं. कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए यह गुजरात सम्हालने का टाइम है.
प्रधानमंत्री लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था की हकीकत का उन्हें अंदाजा हो गया था. मोदी ने भरी सभा में यह बात स्वीकारी थी कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हुई है. दो दिन पहले उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि जीएसटी में जरूरी बदलाव किए जाएंगे और जीएसटी काउंसिल ने इस बदलाव पर मुहर लगाई है.
जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक के बाद टैक्स दरों में बदलाव, सर्राफा कारोबारियों को छूट और कपड़ा व्यवसाय को राहत से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अरुण जेटली के अंतःमस्तिष्क में कहीं न कहीं गुजरात चुनाव का भान था.
ज्ञात रहे कि जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन उठा था. टेक्सटाइल इंडस्ट्री के गढ़ सूरत में कपड़ा व्यापारी सड़कों पर आ गए थे और मोदी सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी का प्रदर्शन किया था. जीएसटी काउंसिल ने टैक्स दरों में बदलाव के समय इस बात का खास ध्यान रखा है.
केंद्र की मोदी सरकार ने सर्राफा कारोबारियों का भी खास ध्यान रखा है. गुजरात सर्राफा कारोबार का गढ़ है. हीरा और ज्वैलरी के बड़े कारखाने और व्यापारी गुजरात से हैं. ऐसे में सर्राफा कारोबार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से बाहर करना उन्हें बेखौफ बिजनेस करने का मौका देगा. नए बदलावों के बाद 2 लाख रुपये तक के गहने खरीदने पर अब पैन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. पहले 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीददारी पर पैन देना अनिवार्य था.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने छोटे और मध्यम वर्ग (एसएमई) की कंपनियों का भी ध्यान रखा है. जीएसटी में समायोजना की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी है. इससे भी छोटे कारोबारियों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है. साथ ही जीएसटी परिषद 1.5 करोड़ रुपये कारोबार वाले एसएमई को मासिक रिटर्न भरने के बदले तिमाही रिटर्न भरने की अनुमति देने पर सहमत हो गई है.
गुजरात एक व्यावसायिक प्रदेश है और जीएसटी में बदलाव का सबसे ज्यादा लाभ वहां के कारोबारियों को मिलने जा रहा है. लेकिन, देखना ये होगा कि नोटबंदी और जीएसटी की मार से हलकान गुजरात के कारोबारियों के घाव कितने भर पाते हैं.