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मोदी के नक्शेकदम पर राहुल, भाथीजी मंदिर पहुंच कीर्तन में हुए शामिल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी के उग्र हिंदुत्व का जवाब सॉफ्ट हिंदुत्व से देने की कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में राहुल गांधी आज उसी मंदिर में माथा टेकेंगे, जहां से नरेंद्र मोदी ने 2002 में गुजरात चुनाव की कैंपेन शुरू की थी.

मंदिर में  राहुल गांधी मंदिर में राहुल गांधी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन राज्य का सियासी तापमान काफी गर्म हो चुका है. बीजेपी ने यहां अपनी सत्ता बचाने के लिए जी जान लगा दी है, तो कांग्रेस भी दो दशक का सत्ता का अपना वनवास तोड़ने के लिए बेताब है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी के उग्र हिंदुत्व का जवाब सॉफ्ट हिंदुत्व से देने की कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में राहुल गांधी आज उसी मंदिर में माथा टेका, जहां से नरेंद्र मोदी ने 2002 में गुजरात चुनाव की कैंपेन शुरू की थी.

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सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर कांग्रेस

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सियासी जंग फतह करने के लिए मध्य गुजरात के दौरे पर हैं. गुजरात में राहुल नई रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं. राहुल गांधी यहां सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलते नजर आ रहे हैं. राहुल अपनी यात्रा के तीसरे दिन आज खेड़ा जिले के फागवेल गांव के 200 साल पुराने भाथीजी महाराज मंदिर में माथा टेका और वहां कीर्तन में भी हिस्सा लिया.

भाथीजी महाराज के मंदिर से ही शुरू हुई थी मोदी की गौरव यात्रा

गौरतलब है कि 2002 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने  लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा का अनुसरण करते हुए 2002 में गुजरात चुनाव के आगाज के लिए गौरव यात्रा की शुरुआत भाथीजी महाराज मंदिर से ही की थी. मोदी भाथीजी महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना और हवन करके गौरव यात्रा पर निकले थे. नरेंद्र मोदी ने खुद को गुजराती अस्मिता के एकमात्र रखवाले के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी.

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नरेंद्र मोदी ने भाथीजी महाराज मंदिर के दर्शन के बाद तब कहा था कि कुछ दिन पूर्व इसी स्थान पर शंकर सिंह वाघेला द्वारा आयोजित एक यात्रा का अंत हुआ है और आज यहां से एक यात्रा प्रारंभ होने जा रही है. जहां कांग्रेस का अंत है, वहीं से बीजेपी के कार्यों की शुरूआत होती है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस का इतिहास गोधरा से शुरू होता है, लेकिन गोधरा से होकर गांधीनगर पहुंचने के उनके प्रयत्न कभी सफल नहीं होंगे.'

ओबीसी समुदाय को कांग्रेस में वापस लाने की कवायद

ओबीसी समुदाय में भाथीजी महाराज के लिए बड़ी श्रद्धा है. राहुल फागवेल भाथीजी के दर्शन किया और वहां बकायादा कीर्तन में हिस्सा भी लिया. उसके बाद एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. राहुल के इस मंदिर में जाने के पीछे सियासी मायने हैं. कहा जाता है कि जिसे भाथीजी महाराज का आशीर्वाद मिल जाता है उसके लिए राजनीति में जीत आसान हो जाती है.

राहुल गांधी कांग्रेस के मजबूत वोटबैंक माने जाने वाले ओबीसी समुदाय को संबोधित करेंगे. गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस का ये परंपरागत वोट बैंक हिंदुत्व के नाम पर बीजेपी के खेमे में चला गया था. राहुल उसी वोट बैंक को वापस लाने के लिए गुजरात में पसीना बहा रहे हैं और भाथीजी महाराज के दर्शन करने की वजह यही मानी जा रही है.

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कांग्रेस की 'हिंदू विरोधी' छवि तोड़ना चाहते हैं राहुल

राहुल गांधी बीजेपी द्वारा कांग्रेस पार्टी पर लगाए गए 'हिंदू विरोधी' और 'अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण' जैसे आरोपों का भी जवाब देने का प्रयास कर रहे हैं. दरअसल 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह एंटनी कमेटी ने हिंदू विरोधी छवि मानी थी. राहुल ने गुजरात विधानसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस की हिंदू विरोधी छवि को तोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. राहुल का ट्विटर एकाउंट मंदिरों में दर्शन वाले उनके फोटो से भरा पड़ा है.

सौराष्ट्र यात्रा के दौरान राहुल पांच मंदिर गए

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र का तीन दिन का दौरा किया था. इस दौरान राहुल गांधी गुजरात के पांच मंदिरों में गए और राजकोट तथा जामनगर में गरबा में शामिल हुए. राहुल ने 25 सितंबर को द्वारकाधीश मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा कर अपनी यात्रा की शुरुआत की थी.

मंदिरों में माथा टेकने के साथ-साथ राहुल माथे पर तिलक लगाए हुए भी नजर आए. यहां तक कि राहुल पहाड़ी पर स्थित देवी मां चामुंडा के दर्शनों के लिए बिना रुके ही 15 मिनट में एक हजार सीढ़ियां चढ़ गए थे. मध्य गुजरात के दौरे पर भी राहुल ने कई मंदिरों का दर्शन किया है.

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