
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पूरे जोर-शोर से प्रचार में लगे हैं. सोमवार को राहुल ने गांधीनगर में अल्पेश ठाकुर की तरफ से आयोजित 'नवसर्जन गुजरात जनादेश' रैली को संबोधित किया. अपने चुनावी भाषण में राहुल गांधी ने रोजगार, जीएसटी, जय शाह, नोटबंदी जैसे कई मुद्दों पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
युवाओं के दिल की बात
गुजरात में बीते कई साल से आरक्षण और रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन हो रहे हैं. ऐसे में राहुल ने बीजेपी सरकार पर गुजरात के युवाओं को रोजगार देने में विफल रहने का आरोप लगाया. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि गुजरात का युवा मोदी सरकार से तंग है और वह अब शांत होने वाला नहीं है. गुजरात में 30 लाख बेरोजगार युवा है. देश में हर रोज 30 हजार युवा रोजगार ढूढने के लिए घर से निकलते हैं लेकिन मोदी सरकार 24 घंटे में सिर्फ 450 युवाओं को रोजगार दे पाती है.
कारोबारियों की सरकार
सत्ताधारी बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में सिर्फ 5-10 कारोबारी सरकार चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता की आवाज नहीं सुनी जा रही है इसीलिए गुजरात का समाज आज खुद सड़कों पर उतरकर अपना हक मांग रहा है. राहुल ने कहा कि देश में मेड इन इंडिया या मेड इन गुजरात नहीं, मेड इन चाइना का सामान इस्तेमाल हो रहा है.
नहीं दबेगी गुजरात की आवाज
राहुल ने कहा कि गुजरात की आवाज कोई मामूली आवाज नहीं है, इस आवाज को दबाया नहीं जा सकता. सरकार कितना भी पैसा क्यों न लगाएं लेकिन गुजरात की आवाज को खरीदा नहीं जा सकता है. इतिहास के उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत में भी गुजरात की आवाज को दबाने की कोशिश की गई लेकिन साउथ अफ्रीका से लेकर हिन्दुस्तान तक गांधी जी, सरदार पटेल और गुजरात की आवाज को दबाया नहीं जा सका.
कारोबार बनी शिक्षा व्यवस्था
युवाओं के संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 22 साल में गुजरात की पूरी शिक्षा व्यवस्था 5-10 उद्योगपतियों के हाथों में चली गई है. गुजरात का युवा जब कॉलेज पढ़ने जाता है तो उससे पैसा मांगा जाता है लेकिन वह उतना पैसा देने में सक्षम नहीं होता. राहुल ने कहा जो थोड़े बहुत युवा शिक्षा पा भी लेते हैं लेकिन फिर भी वह रोजगार हासिल नहीं कर पाते.
अमीरों का कर्ज माफ किया
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े कारोबारियों का एक लाख 30 हजार करोड़ रुपया माफ किया. लेकिन गुजरात का किसान जो कड़ी मेहनत करता है उसका कर्जा माफ नहीं किया जाता. राहुल ने कहा इस देश में और प्रदेश में सिर्फ अमीरों का कर्जा माफ हो सकता है गरीब किसानों का नहीं.
जय शाह पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी के नारे का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा. देश में मेक इन इंडिया से लेकर स्टार्ट अप इंडिया सब फेल हो गया लेकिन जय शाह की कंपनी रॉकेट की तरह ऊपर गई. राहुल ने कहा कि साल 2014 के बाद 2-3 महीनों में जय शाह की कंपनी 50 हजार रुपए से शुरू होकर 80 करोड़ तक पहुंच गई. उन्होंने कहा कि जय शाह ज्यादा खा गया, बावजूद इसके मोदी जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला.
दूर करेंगे गुजरात का दर्द
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सबकी पार्टी है और वह यहां गुजरात का दर्द सुनने आए हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात की आवाज, युवाओं की समस्याएं, बेरोजगारी, स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए जो भी कांग्रेस पार्टी कर सकती है वह पूरे दिल से करेगी. उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता के बिना यह काम नहीं किया जा सकता.
पैर पर कुल्हाड़ी नोटबंदी
नोटबंदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी रातों-रात नोटबंदी लागू कर देश पर कुल्हाड़ी मारी. उन्होंने कहा कि शुरू में मोदी जी को भी नहीं समझ आया कि क्या हुआ लेकिन जल्द ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ. राहुल ने कहा कि मोदी जी ने नोटबंदी फेल होने पर अपने लिए सजा मांगी थी. राहुल ने कहा कि मोदी ने पूरे हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था को नोटबंदी के जरिए चौपट कर दिया.
'GST मतलब गब्बर सिंह टैक्स'
राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते हुए कहा कि जीएसटी हम लाए और उसमें कारोबारियों की दिक्कतें दूर करने के सभी प्रावधान थे लेकिन सरकार ने हमारी एक भी बात नहीं मानी. कांग्रेस एक टैक्स लगाना चाहती थी लेकिन सरकार 5-5 टैक्स लेकर आ गई. हम 18 फीसदी का कैप लगाना चाहते थे वह बात भी नहीं मानी गई और अब नतीजा ये हुआ कि कारोबारी जीएसटी से परेशान हुआ घूम रहा है. लोगों का बिजनेस ठप हो गया है.
15 लाख जुमला था
जनता के संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 15 लाख रुपए देने की बात चुनावी जुमला साबित हुई. मोदी जी ने चुनाव जीतने के लिए कहा था लेकिन अब तो चुनाव हो चुका है और वह 15 लाख देने की बाच जुमला साबित हुई है.