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क्या सच में हैक की जा सकती है EVM? बदले जा सकते हैं नतीजे?

गिनती से पहले ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे. लेकिन क्या ईवीएम में सही पर सवाल उठाना सही है, क्या ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है. पढ़ें क्या हैं ईवीएम पर दुनिया की राय...

ईवीएम पर सवाल, कितना सही, कितना गलत ईवीएम पर सवाल, कितना सही, कितना गलत
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

गुजरात में अभी तक रुझानों में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर सरकार बनाती हुई दिख रही है. अगर बीजेपी सरकार बनाती है तो ये छठी बार राज्य में उसकी सरकार होगी. चुनाव प्रचार से लेकर अभी तक विपक्षी पार्टियां ईवीएम पर सवाल उठाती रही है. गिनती से पहले ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे. लेकिन क्या ईवीएम में सही पर सवाल उठाना सही है, क्या ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है. पढ़ें क्या हैं ईवीएम पर दुनिया की राय...

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कैसे काम करता है ईवीएम?

ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में एक कंट्रोल यूनिट होती है. एक बैलट यूनिट और 5 मीटर की केबल. ये मशीन 6 वोल्ट की बैटरी से भी चलाई जा सकती है. मतदाता को अपनी पसंद के कैंडिडेट के आगे दिया बटन दबाना होता है और एक वोट लेते ही मशीन लॉक हो जाती है. इसके बाद सिर्फ नए बैलट नंबर से ही खुलती है. एक मिनट में ईवीएम में सिर्फ 5 वोट दिए जा सकते हैं.

ईवीएम मशीनें बैलट बॉक्स से ज्यादा आसान थीं, उनकी स्टोरेज, गणना आदि सब कुछ ज्यादा बेहतर था इसलिए इनका इस्तेमाल शुरू हुआ. लगभग 15 सालों से ये भारतीय चुनावों का हिस्सा बनी हुई है. लेकिन ईवीएम मशीनें काफी असुरक्षित भी होती हैं.

क्या-क्या हैं खतरे-

* कई देशों में ऐसा पाया गया है कि ईवीएम मशीनें हैक की जा सकती हैं.

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* ईवीएम मशीनों के जरिए वोटर की पूरी जानकारी भी निकाली जा सकती है.

* इलेक्शन के नतीजों में फेरबदल किया जा सकता है.

* ईवीएम मशीन इंटरनली किसी इंसान द्वारा भी बदली जा सकती है. इसके आंकड़े इतने सटीक नहीं कहे जा सकते.

इन देशों में बैन कर दी गई है ईवीएम-

* नीदरलैंड ने पारदर्शिता ना होने के कारण ईवीएम बैन कर दी थी.

* आयरलैंड ने 51 मिलियन पाउंड खर्च करने के बाद 3 साल की रिसर्च कर भी सुरक्षा और पारदर्शिता का कारण देकर ईवीएम को बैन कर दिया था.

* जर्मनी ने ईवोटिंग को असंवैधानिक कहा था क्योंकि इसमें पारदर्शिता नहीं है.

* इटली ने इसलिए ईवोटिंग को खारिज कर दिया था क्योंकि इनके नतीजों को आसानी से बदला जा सकता है.

* यूएस- कैलिफोर्निया और अन्य राज्यों ने ईवीएम को बिना पेपर ट्रेल के बैन कर दिया था.

* सीआईए के सिक्योरिटी एक्सपर्ट मिस्टर स्टीगल के अनुसार वेनेज्यूएला, मैसिडोनिया और यूक्रेन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीने कई तरह की गड़बड़ियों के कारण इस्तेमाल होनी बंद हो गई थीं.

* इंग्लैंड और फ्रांस ने तो इनका उपयोग ही नहीं किया.

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