Advertisement

Exclusive: कमलेश तिवारी के हत्यारोपियों तक चंद घंटों में कैसे पहुंची गुजरात ATS

उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से मिली जानकारी के आधार पर गुजरात एटीएस ने तफ्तीश शुरू की और महज चंद घंटों में ही एटीएस के हाथ आरोपियों तक पहुंच चुके थे.

एटीएस की गिरफ्त में आरोपी (फाइल फोटो) एटीएस की गिरफ्त में आरोपी (फाइल फोटो)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 22 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

  • ग्राहकों की भीड़ में आरोपियों की शिनाख्त नहीं थी आसान
  • बिल की टाइमिंग से सीसीटीवी फुटेज निकलवा पहुंची घर

हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हिंदू महासभा से जुड़े रहे हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बदमाशों ने चाकू घोंप कर हत्या कर दी थी. बदमाशों ने एक गोली भी मारी थी, जो उनके गले में फंसी थी. तिवारी की हत्या के बाद हरकत में आई पुलिस ने 24 घंटे के अंदर मामले का पर्दाफाश करते हुए गुजरात के सूरत से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हत्या के बाद महज कुछ घंटों में ही पर्दाफाश से लेकर गिरफ्तारी तक, यह पुलिस के लिए आसान नहीं था.

Advertisement

उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से मिली जानकारी के आधार पर गुजरात एटीएस ने तफ्तीश शुरू की और महज चंद घंटों में ही एटीएस के हाथ आरोपियों की गिरेबान तक पहुंच चुके थे. महज कुछ घंटों में ही एटीएस कैसे आरोपियों तक पहुंच गई, यह बड़ा सवाल बनकर उभरा. सवाल यह भी कि पुलिस कई मामलों का वर्षों बीत जाने के बाद भी खुलासा नहीं कर पाती और कुछ मामले, जिन्हें लेकर राजनीतिक या जनदबाव होता है, उनका कुछ घंटों में खुलासा आखिर कैसे कर देती है.

कमलेश के मामले भी ऐसा ही हुआ. कमलेश की हत्या के बाद बदमाश फरार तो हो गए, लेकिन कहते हैं कि अपराधी चाहे जितना भी शातिर क्यों न हो, कोई न कोई सबूत छोड़ ही जाता है. यही हुआ. हत्या के बाद बदमाश फरार हो गए, लेकिन मिठाई का डिब्बा वहीं छोड़ गए. डिब्बे में पर्ची भी थी. पर्ची के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क साधा. जानकारी के आधार पर सक्रिय हुई पुलिस मिठाई की दुकान धरती स्वीट्स जा पहुंची.

Advertisement

अब असल चुनौती थी. चुनौती यह कि पूरे दिन जिस दुकान पर बड़ी संख्या में लोग आते-जाते हैं, उनमें से दो आरोपियों की पहचान कैसे हो, कैसे यह तय किया जाए कि यही वह खरीददार हैं जिन्होंने तिवारी की हत्या की. इस चुनौती से पार पाने में एटीएस के लिए सहयोगी की भूमिका निभाई उस मिठाई के बिल ने. बिल पर समय छपा था 21:03. एटीएस ने बिल पर छपे समय की सीसीटीवी फुटेज निकलवाई और छानबीन की, तो उसमें नजर आ रहे युवाओं के लिम्बायत इलाके का निवासी होने की जानकारी मिली.

मिठाई की दुकान से एक किलोमीटर दूरी पर था घर

एटीएस ने जब लिम्बायत इलाके में तहकीकात की तो जल्द ही मामला खुल गया. एटीएस की टीम राशिद पठान के घर जा धमकी. राशिद पठान से पूछताछ में फैजान और मौलाना मोहसिन शेख का भी नाम आया. एटीएस ने दोनों को राशिद के घर बुलवाया. तीनों को हिरासत में लेकर एटीएस की टीम सूरत से अहमदाबाद मुख्यालय के लिए रवाना हो गई. एटीएस की पूछताछ में तीनों ने तुरंत ही अपना गुनाह कबूल कर लिया और अशफाक, मोइनुद्दीन से कमलेश की हत्या कराने की जानकारी दी.

फरार मोइनुद्दीन और अशफाक भी गिरफ्तार

मोइनुद्दीन और अशफाक हुसैन, दोनों हत्यारोपी फरार चल रहे थे. गुजरात एटीएस ने मंगलवार की शाम इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया. मोइनुद्दीन और अशफाक की तस्वीरें जारी करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनके सिर पर 2-2.5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था. दोनों ने कमलेश तिवारी की हत्या का जुर्म कबूल करते हुए उनके पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान को हत्या की वजह बताया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement