
गुजरात 'कृषि सौर नीति' पेश करने वाला पहला राज्य होगा जिसके तहत किसानों को सौर ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा और इससे उन्हें बिजली उत्पादन कंपनियों से अतिरिक्त आय प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी.
यह बात गुजरात ऊर्जा अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान (जेर्मी) के अधिकारियों ने कही. अधिकारियों ने कहा कि खेतों में सौर बिजली उत्पादन, किसानों और बिजली उत्पादन कंपनियों, दोनों के लिए लाभकारी स्थिति होगी. जेर्मी के निदेशक प्रोफेसर टी हरिनारायण ने कहा कि सरकारी कंपनियां खेतों में सौर फोटो वोल्टेइक (एसपीवी) इकाइयां स्थापित करेंगी.
हरिनारायण ने कहा 'जीआईपीसीएल (गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड), जीएसईसीएल (गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड) और जीपीसीएल (गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने प्रायोगिक तौर पर खेतों में एसपीवी इकाइयां स्थापित की हैं.'
जेर्मी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों को बिजली उत्पादन कंपनियों के मुनाफे में से 30-40 फीसदी की हिस्सेदारी मिलेगी और सौर फोटो वोल्टेइक इकाइयां खंभों पर स्थापित की जाएंगी ताकि किसान खेती भी कर सकें. राज्य के ऊर्जा मंत्री और गुजरात सरकार के प्रवक्ता सौरभ पटेल ने कहा, 'हम जल्दी ही नीति की घोषणा करेंगे.'
किसानों की आय में बढ़ोतरी
हरिनारायण ने कहा किसान फिलहाल अपनी जमीन का उपयोग खेती के लिए कर रहे हैं. यदि हम सौर उर्जा उत्पादन इकाई लगाते हैं तो किसानों को अतिरिक्त आय होगी. किसान अपनी जमीन पर खेती भी कर सकेंगे और साथ ही अपनी जमीन को किराए पर देकर पैसे भी कमा सकते हैं. किसान दोनों चीजें कर सकते हैं. उन्हें कहा कि किसान अपने खेतों में सौर बिजली से चालित पानी का पंप भी लगा सकते और सौर उर्जा का उपयोग कर सकते हैं.
इनपुट : भाषा