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गुजरात में बाढ़ से हुईं 224 मौंतें, बचाव कार्य काफी नहीं...

गुजरात के बनासकांठा में इस बीच आई बाढ़ में मरने वालों की तादाद हर दिन बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे पानी कम होता जा रहा है. वैसे-वैसे पानी में बहे और मिट्टी में दबे लोगों के मृत देह नजर आने लगे हैं. बाढ़ से अब तक गुजरात में मरने वालों की संख्या 224 तक पहुंच गई है. बचाव कार्य भी नाकाफी साबित हो रहा है.

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गोपी घांघर
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 1:39 AM IST

गुजरात के बनासकांठा में इस बीच आई बाढ़ में मरने वालों की तादाद हर दिन बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे पानी कम होता जा रहा है. वैसे-वैसे पानी में बहे और मिट्टी में दबे लोगों के मृत देह नजर आने लगे हैं. बाढ़ से अब तक गुजरात में मरने वालों की संख्या 224 तक पहुंच गई है. बनासकांठा में 64, अहमदाबाद में 18 और सुरेन्द्रनगर में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. 224 मरे लोगों में से 116 लोगों के परिवार को सरकारी मुआवजा दिया जा चुका है.

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पशुओं के मौत का आकड़ा 10,471 पहुंच चुका है और हर रोज बढ़ रहा है. वहीं बाढ़ग्रस्त बनासकांठा, पाटना जैसे जिलों में अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा फूड पैकेट बांटे जा चुके हैं. 11,000 कच्चे राशन किट बांटे जा चुके हैं. गुजरात सरकार के आपातकल विभाग के मुताबिक गुजरात के कुल 203 बांधों में से 39 बांध पूरी तरह भर चुके हैं. वहीं 15 बांध 90 प्रतिशत भर चुके हैं.

गौरतलब है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में कई लोगों ने अपने पूरा का पूरा घर खो दिया है. उन्हें पहले 3800 रुपये मिलते थे और उसे अब बढ़ा कर 7000 कर दिया गया है. गाय-भैंस जैसे जानवरों के लिए पहले 30,000 रुपये दिये जाते थे और उसे बढ़ा कर अब 40,000 कर दिया गया है.

वहीं बाढ़ के इतने दिनों बाद अब गांव में मलबा और कीचड़ ही दिखता है. वहां सरकार के जरिए सफाई अभियान चलाया जा रहा है. कीचड़ और मलबे को गांव वालों की मदद से साफ किया जा रहा है. धानेरा मार्केट यार्ड में पानी में भीगने की वजह से अधिकांश अनाज का स्टॉक गीला होने की वजह से डिस्ट्रॉय कर दिया गया है. वहीं बिजली बहाल करने के लिये लगातार UGVCL के जरिए काम किया जा रहा है.

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