
इशरत जहां के केस के आरोपियों में से एक प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पीपी पांडे पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. गुजरात सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पी. पी. पांडे के इस्तीफे के अनुरोध को तत्काल स्वीकार कर लिया जाएगा. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर तथा न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ सिंह से गुजरात सरकार ने कहा कि उन्हें 30 अप्रैल तक के लिए दिए गए सेवा विस्तार की अधिसूचना के मुद्दे का भी समाधान निकाल लिया जाएगा.
गुजरात सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता से सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि या तो वह एक बयान जारी करें कि पांडे तुरंत पद से हट रहे हैं, नहीं तो पीठ आदेश पारित करेगी. इसके बाद मेहता ने कहा कि राज्य सरकार पांडे के इस्तीफे के अनुरोध को स्वीकार कर लेगी.
मेहता ने शुरुआत में पीठ से कहा कि पांडे को 30 अप्रैल तक का कार्यकाल पूरा करने दिया जाए और आदरपूर्वक सेवानिवृत्त होने दिया जाए. उन्होंने न्यायालय से कहा कि वह (पांडे) मामले को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि आरोप अभी तय नहीं किया गया है.
जुलाई 2013 में हुए थे गिरफ्तार
1980 बैच के आईपीएस अधिकारी पीपी पांडे इशरत जहां मामले में आरोपी हैं और दूसरे आरोपी आईपीएस डीजी वंजरा के साथ जेल में भी रह चुके हैं. वंजारा भी फिलहाल जमानत पर रिहा हैं. जुलाई 2013 में सीबीआई ने इस मामले में पीपी पांडे को गिरफ्तार किया था. उस वक्त वह एडीजीपी-सीआईडी (क्राइम) के पद पर तैनात थे. फरवरी 2015 में उन्हें सीबीआई कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की, जिसके बाद गुजरात सरकार ने उन्हें दोबारा पुलिस सेवा में बहाल करते हुए एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) पद सौंपा था.