
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों को कम करने में विफल केंद्र सरकार ने टैक्स कम करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के हवाले कर अपना पल्ला झाड़ लिया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शाषित गुजरात सरकार के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि गुजरात में पेट्रोल-डीजल के लगा टैक्स कम नहीं होगा.
नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात की विजय रूपाणी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले ही वैट कम कर दिया था. लिहाजा अब तेल पर वसूला जाने वाला टैक्स और कम नहीं होगा.
इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने भी राज्य की वित्तीय हालत का हवाला देते हुए पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले बिक्री कर और वैट कम करने से इनकार कर दिया था.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने वैट में कटौती करते हुए आम जनता को एक रुपये की राहत की है. तो वहीं विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर 4 फीसदी वैट कम किया है. सरकार के इस फैसले से जनता को प्रति लीटर 2 से 2.50 रुपये तक की राहत मिलेगी. कांग्रेस नीत पंजाब और कर्नाटक की गठबंधन सरकार भी पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के बारे में विचार कर रही है.
नितिन पटेल के मुताबिक देश में गुजरात ही ऐसा राज्य हे जहां पेट्रोल-डीजल पर 20 फीसदी टैक्स लिया जाता है. जबकि कांग्रेस शासित राज्यो में 25 से 30 फीसदी टैक्स वसूल किया जाता है. ऐसे में वैट में कटौती आने कि संभावना नही है. बता दें कि गुजरात सरकार को हर साल पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के जरिए 12000 करोड की आय होती है.