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गुजरात पुलिस उस वक्त सकते में आ गई, जब उसे समुद्र तट पर एक कबूतर में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी हुई दिखाई दी. उसके पंखों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ भी दिखाई दिया. इस कबूतर के बारे में तुरंत केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी आगाह किया गया. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गुजरात सरकार ने एक संदेश में गृह मंत्रालय को इस घटना से अवगत करा दिया है.
कबूतर को पहली बार 20 मार्च को सलाया एस्सार जेट्टी से करीब पांच समुद्री माइल दूर देखा गया. गुजरात की देवभूमि द्वारका जिले में इस जेट्टी का निर्माण चल रहा है. जेट्टी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों में से एक ने देखा कि कबूतर के एक पंजे में इलेक्ट्रॉनिक चिप है तो दूसरे में बंधे छल्ले पर '28733' लिखा हुआ है. कबूतर के पंखों पर अरबी भाषा में 'रसूल-अल-अल्लाह' लिखा हुआ है. चिप पर बेंजिंग डुअल लिखा हुआ है. जेट्टी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने अगले दिन इसकी सूचना तटरक्षक बल को दी और आगे की जांच के लिए कबूतर उन्हें सौंप दिया.
तटरक्षक ने दो दिन बाद स्थानीय पुलिस को सूचित कर FIR दर्ज कराई. जिला पुलिस ने कबूतर के पंजों से चिप और छल्ला दोनों निकाल कर उन्हें गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया है. गुजरात वन विभाग के अधिकारियों को भी इस कबूतर पर जानकारी पाने के लिए बुलाया गया था. इस प्रजाति के कबूतर उत्तर भारत में मिलते हैं और विदेशों, विशेष तौर से खाड़ी देशों में इनका इस्तेमाल कबूतर दौड़ में होता है. जांच में पता चला है कि बेंजिंग डुअल शब्द का उपयोग कुछ अन्य देशों में कबूतरों की दौड़ के लिए भी होता है.
गुजरात पुलिस की प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक संभवत: कबूतर किसी जहाज से उड़ा होगा और गलती से भटकते हुए पानी की तलाश में सलाया एस्सार जेट्टी पहुंच गया होगा. हांलाकि कोई भी खतरा मोल नही लेने के लिहाज से गुजरात सरकार ने इसकी पूरी सूचना केन्द्रीय गृह मंत्रालय को दे दी है.
-इनपुट भाषा से