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गुजरात की इन 49 सीटों पर वोटरों ने बदल ली पार्टी, फायदे में कांग्रेस

पिछले 3 साल से देश के ज्यादातर चुनाव परिणाम के लिहाज से बेहद बोरिंग जा रहे थे, लेकिन गुजरात में मुकाबला कांटे का रहा और अंतिम परिणाम जो आया उसने इसे काफी दिलचस्प बना दिया.

नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी
aajtak.in
  • दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST

गुजरात चुनाव का अंत बेहद दिलचस्प परिणाम के साथ खत्म हुआ. दिलचस्प इसलिए क्योंकि चुनाव में उतरी 2 बड़ी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इसमें अपनी जीत बता रही है.

राज्य में 22 साल से सत्तारुढ़ भाजपा ने चुनाव में उतार-चढ़ाव के साथ महज 7 सीटों के बहुमत लेकर अपनी सत्ता बचाई, जबकि कांग्रेस लंबे समय बाद 77 सीट हासिल कर बहुमत के करीब पहुंची. वह बहुमत से 15 सीट दूर रह गई. मतगणना के दौरान कुछ मौकों पर कांग्रेस ने भाजपा से लगातार बढ़त बनाई हुई थी.

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'स्विंग जोन' ने बनाया कांटेदार मुकाबला

182 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में 49 सीट ऐसे रहे जिसे 'स्विंग जोन' कहा जा सकता है क्योंकि यहीं के परिणाम ने दोनों पार्टियों को जीत भी दिलाई और भविष्य का सबक भी दिया.

जिन 49 सीटों की बात हो रही है, वहां पर 2012 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस ने भाजपा के जीते 33 सीटों पर इस बार कब्जा जमा लिया जबकि सत्तारुढ़ भाजपा के हिस्से 16 सीटें ही आईं. इन क्षेत्रों में 2012 और 2017 के परिणामों के आधार पर आकलन करने के बाद स्थिति यह हुई है कि 49 में से 41 सीटों पर अदला-बदली हो गई, इनमें से ज्यादातर सीट ग्रामीण क्षेत्रों के हैं.

ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का जलवा

कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 77 सीटें मिली है जिसमें उसने 33 सीटें तो भाजपा से हथियाई गई हैं. वहीं भाजपा ने कांग्रेस से उसकी 16 सीटें छीन ली जिसकी बदौलत उसके खाते में 99 सीटें आईं और बहुमत हासिल कर लिया. कांग्रेस ने जिन 33 सीटों पर जीत हासिल की वहां पर औसतन जीत का अंतर 12,033 मत है. वहीं 2012 में भाजपा ने इन 33 सीटों पर औसतन 12,517 मत के अंतर से जीत दर्ज कराई थी.

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कांग्रेस के लिए इन क्षेत्रों में सबसे बड़ी जीत जमालपुर-खाड़िया में मिली जहां जीत का अंतर 29,339 मत था, वहीं सबसे कम अंतर से जीत देवदर में 972 मतों के साथ मिली. कांग्रेस ने सौराष्ट्र में 15 सीटें हासिल की, जबकि उत्तरी गुजरात में 10, मध्य गुजरात में 4, दक्षिण गुजरात में 3 और कच्छ में 1 सीट उसके कब्जे में आई. इन 33 में से 27 सीट ग्रामीण इलाकों के हैं, शेष 6 शहरी क्षेत्रों से आते हैं. इनमें से 4 अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थे, जबकि 3 अनुसूचित जनजाति के लिए.

गोधरा में मुश्किल से जीती भाजपा

दूसरी ओर, 33 सीटों पर अपनी पकड़ खोने वाली भाजपा ने कांग्रेस से 16 सीटें छीन भी ली. इन 16 सीटों में से 7 उत्तर गुजरात, 4-4 मध्य गुजरात और सौराष्ट्र जबकि 1 सीट दक्षिण गुजरात से उसकी झोली में आई. यहां से भाजपा की सबसे बड़ी जीत उत्तरी जामनगर से मिली जहां उसके प्रत्याशी ने 40,963 मतों के अंतर से जीत हासिल की. सबसे कड़ा मुकाबला गोधरा में रहा जहां उसके प्रत्याशी को महज 258 वोटों के अंतर से जीत नसीब हुई.

2012 के चुनाव में भाजपा को 115 सीटें मिली थी, जिसमें इस बार उसने 81 सीटों पर पकड़ बरकरार रखी, वहीं कांग्रेस ने 2012 में जीते 61 सीटों पर से 42 में जीत कायम रखी.

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