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राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले कुछ दिनों से जारी गुर्जरों के आंदोलन पर अब सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. अदालत ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह रेल की पटरियों और सड़कों से आंदोलनकारियों से हटाए.
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब करते हुए पूरी जानकारी के साथ गुरुवार तक हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अब तक की गई कार्रवाइयों का भी ब्योरा मांगा है.
इस बीच, गुर्जरों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला रेलवे ट्रैक से उठकर भरतपुर पहुंच गए हैं. अब सरकार के साथ आंदोलनकारियों की बातचीत 'पटरी' पर आने की उम्मीद बढ़ गई है.
राजस्थान के गुर्जर समुदाय के लोग सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से रेल की पटरियों पर बैठकर धरना दे रहे हैं. हालांकि मंगलवार को आंदोलनकारी कुछ नरम पड़े और जयपुर में राज्य सरकार के साथ बातचीत करने के लिए भी तैयार हो गए.
गुर्जरों ने किया कुशालीदर्रा जाम
गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आग दिनोंदिन भड़कती ही जा रही है. पिछले 6 दिनों से आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों ने बुधवार को सवार्इ माधोपुर श्योपुर स्टेट हाइवे के कुशालीदर्रा पर जाम लगा दिया, जिसके कारण स्टेट हाइवे पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया. यातायात बंद होने से यात्रियों का भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. तेज गर्मी में लोगों को 10 से 12 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है.
इससे पहले गुर्जर जयपुर में बातचीत के लिए तैयार नहीं थे. वे इस बात पर अड़े हुए थे कि अगर सरकार के प्रतिनिधि बयाना शहर आएंगे, तो ही बातचीत होगी. बयाना भरतपुर जिले में स्थित एक शहर है, जिससे कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर गुर्जर आरक्षण के की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं.
मंगलवार को छठे दिन भी गुर्जरों ने रेल की पटरियों पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया, जिससे दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग सहित कई अन्य मार्गों पर भी रेल यातायात प्रभावित हुआ. जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग समेत राज्य के कई इलाकों में गुर्जरों ने सड़क यातायात जाम कर दिया.
SBC श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग
गुर्जर SBC (विशेष पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि यह आरक्षण 50 फीसदी की अधिकतम स्वीकार्य सीमा के अंतर्गत ही हो.