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इस हादसे से दहल गई थी दुनिया, जानें- क्यों मुंह पर रुमाल रख मोरबी आई थीं इंदिरा

पीएम मोदी के इस बयान के बाद मोरबी हादसे की यादें फिर से ताजी हो गई हैं. 11 अगस्त 1979 को भीषण बारिश के चलते गुजरात के मोरबी जिले में स्थित मच्छु डैम टूट गया था. इसके बाद देखते ही देखते पूरा शहर पानी में डूब गया और तबाही मच गई थी. इसमें करीब 25000 लोगों की जान चली गई थी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण
  • मोरबी,
  • 29 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी संग्राम में राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हमला बोलने के लिए इतिहास के गड़े मुर्दे भी उखाड़ रही हैं. अब इस चुनाव में मोरबी आपदा का जिन्न सामने आ गया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में रैली के दौरान मच्छु डैम हादसे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दौरे को लेकर जबरदस्त हमल बोला. उन्होंने कहा कि जब इंदिरा ने मोरबी का दौरा किया था, तो अपनी नाक पर रुमाल रखकर आई थीं.

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पीएम मोदी के इस बयान के बाद मोरबी हादसे की यादें फिर से ताजी हो गई हैं. 11 अगस्त 1979 को भीषण बारिश के चलते गुजरात के मोरबी जिले में स्थित मच्छु डैम टूट गया था. इसके बाद देखते ही देखते पूरा शहर पानी में डूब गया और तबाही मच गई थी. विकीपीडिया के मुताबिक इसमें करीब 25000 लोगों की जान चली गई थी.

इस हादसे में पूरा शहर मलबे में तब्दील हो चुका था और चारो ओर सिर्फ लाशे नजर आ रही थीं. इस भीषण हादसे के कुछ दिन बाद इंदिरा गांधी ने मोरबी का दौरा किया था, तो लाशों की दुर्गंध इतनी ज्यादा थी कि उनको नाक में रुमाल रखनी पड़ी थी. इंसानों और पशुओं की लाशें सड़ चुकी थीं. उस समय मोरबी का दौरा करने वाले नेता और राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोग भी बीमारी का शिकार हो गए थे.

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शवों के सड़ने से हालात बदतर हो चुके थे और महामारी फैल रही थी. इलाके का दौरा करने वाले नेताओं और राहत कार्य में लगे लोगों ने सिर में दर्द समेत कई तरह की शिकायतें की थी. शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा था. मोरबी शहर शमशान में तब्दील हो चुका था. उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री बाबू भाई पटेल थे. 2005 से पहले गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड के मुताबिक डैम टूटने से इस हादसे को सबसे विभत्स माना जाता था.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मच्छु डैम हादसे के बाद इंसानों के 1,137 शव और जानवरों के 2,919 शव बरामद हुए थे. साथ ही उस समय करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. जिन लोगों ने तबाही के इस मंजर को देखा था, वो आज भी इसको याद करके सिहर उठते हैं. हालांकि आज मोरबी फिर से विकास की दौड़ में शामिल हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रस्साकसी भी जारी है. ऐसे में मोरबी हादसे का जिक्र करके पीएम मोदी ने न सिर्फ इंदिरा गांधी पर निशाना साधा, बल्कि कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है.

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