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सट्टा बाजार: भाजपा पर दांव लगाने वाले हार गए और कांग्रेस वाले जीत गए

गुजरात चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. भाजपा राज्य में लगातार छठवीं बार सरकार बना रही है. लेकिन सटोरिये भाजपा पर दांव लगाकर भी करोड़ों रुपए हार गए हैं.

गुजरात चुनाव गुजरात चुनाव
महेन्द्र गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

गुजरात चुनाव के नतीजे लगभग आ चुके हैं. भाजपा राज्य में लगातार छठवीं बार सरकार बना रही है. लेकिन सटोरिये भाजपा पर दांव लगाकर भी करोड़ों रुपए हार गए हैं.

14 दिसंबर को एग्ज‍िट पोल के नतीजे आए. जिनमें सभी एजेंसी और चैनल्स ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत बताया. इसके बाद सट्टा बाजार में भाजपा के भाव कम हो गए और कांग्रेस के बढ़ गए. सट्टा बाजार में जिस पार्टी की हारने की आशंका होती है, उसके भाव ज्यादा होते हैं. भाजपा पर 35 का भाव तय था. भाजपा की 103 सीट से ऊपर आने पर एक लाख रुपए लगाने वाले को 1 लाख 35 हजार रुपए मिलते. जबकि कांग्रेस की 76 से 78 सीट आने पर 1 लाख रुपए लगाने वाले को एक लाख 35 हजार रुपए मिलते.

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अब भाजपा की सीटें 100 या 100 से कम आती दिख रही हैं. ऐसे में वे लोग अपनी रकम हार जाएंगे, जिन्होंने भाजपा पर दांव लगाया था. जबकि कांग्रेस की सीट 80 के करीब आती दिख रही हैं. यानी कांग्रेस पर दांव लगाने वालों के वारे न्यारे हैं. यानी कांग्रेस भले ही हार गई हो, लेकिन उस पर दांव लगाने वाले जीत गए हैं और भाजपा की जीत के बावजूद उस पर दांव लगाने वाले हार गए.

बता दें कि चुनाव नतीजों को लेकर जमकर सट्टा लगाया गया है. अकेले कर्नाटक राज्य में गुजरात चुनाव पर 50 करोड़ रुपए का सट्टा लगा था. गुरुवार को एक्जिट पोल होने से पहले सट्टा बाज़ार का दाम 92-94 बीजेपी के लिए चल रहा था, जबकि कांग्रेस का दाम 90-92 के आस-पास चल रहा था.

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गुजरात की 182 सीटों के रुझान लगभग आ चुके हैं. शुरुआत में कांटे की लड़ाई दिखी. लेकिन जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ती रही, कांग्रेस पर बीजेपी की बढ़त बनती गई. हालांकि बीच में एक दो बार ऐसा मौका भी आया जब कांग्रेस आगे दिखी लेकिन ये बढ़त सेट नहीं हो पाई. अब तक के जो रुझान हैं उसमें बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिल रहा है.

कांग्रेस बहुमत से काफी पीछे है लेकिन राहुल के सघन प्रचार अभियान और हार्दिक पटेल के साथ से कांग्रेस को फायदा मिलता दिख रहा है. माना जा सकता है कि बीजेपी की कामयाबी की वजह से एक बार फिर राज्य में मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद विजय रूपाणी ही होंगे.

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