Advertisement

केदारनाथ में मोदी ने बासी माल परोसा : हरीश रावत

हरीश रावत ने PM मोदी द्वारा मदद कार्य का प्रचार करने को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि किसी की मदद कोई ढोल बजाकर नहीं करता, लेकिन मोदी जी ढोल बजाकर करना चाहते थे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सुप्रिया भारद्वाज
  • देहरादून,
  • 20 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

उत्तराखंड के पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किए जाने को लेकर मोदी पर निशाना साधा है. रावत ने मोदी पर केदारनाथ धाम में पहले से चल रही विकास परियोजनाओं का फिर से उद्घाटन करने का आरोप लगाया और कहा कि वह देशवासियों के सामने बासी माल परोस रहे हैं.

Advertisement

'पहले से चल रही परियोजनाओं का फिर से किया उद्घाटन'

रावत ने कहा, "प्रधानमंत्री ने आज केदारनाथ का धाम का इस्तेमाल राजनीतिक बात कहने के लिए किया, इस बात की मुझे बहुत तकलीफ है. इसे अवॉयड करना चाहिए था. मगर जब कर ही दिया है तो हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि दिसंबर 2013 में तत्कालीन सरकार से हमने 8000 करोड़ की मदद मांगी थी, जिसमें से 2200 करोड़ रुपए मिले जिससे केदारनाथ का रीस्टोरेशन और चार धाम का पुनर्निर्माण कार्य करवाया गया और बाकी पैसा अब तक लंबित है."

रावत ने कहा, "कि मगर प्रधानमंत्री ने मेरे किए हुए उद्घाटन और शिलान्यास का ही पुनरुद्घाटन किया है, मतलब बासी माल परोसा है. मैं तो उनके शिष्यों को दाद देना चाहता हूं जो उन्होंने प्रधानमंत्री जी से बासी माल परसवा दिया, कुछ नया काम करवाते."

Advertisement

रावत ने आगे कहा, "मदद का काई प्रस्ताव आता है तो लोग लपक कर लेते हैं. हमने जब जम्मू कश्मीर में आपदा आई थी तो मदद भेजी थी और वहां की सरकार ने हमारी मदद स्वीकार भी की थी. प्राकृतिक आपदा में सब लोग एकदूसरे की मदद करते हैं. हमारे देश में एक तरीका है. इस तरह के समय में एकदूसरे के साथ खड़े होने की.

'मोदी ढोल बजाकर करना चाहते हैं मदद'

रावत ने मोदी द्वारा मदद कार्य का प्रचार करने को लेकर निशाना साधते हुए कहा, "किसी की मदद कोई ढोल बजाकर नहीं करता, लेकिन मोदी जी ढोल बजाकर करना चाहते थे. अब इनको पूछना चाहिए विजय बहुगुणा जी से कि मेरे ढोल तुमको क्यों नहीं अच्छी लगे. ढोल तो बहुत दूर की बात है मेरे मुख्यमंत्री रहते तो शंख तक नहीं बजाया मोदी ने . अगर वह शंख बजाकर भी कहते कि मैं 500 करोड़ दे रहा हूं या 100 करोड़ दे रहा हूं तो मैं दिल्ली या कहीं और थोड़े पूछता, मैं तो सीधे देहरादून से अहमदाबाद जाता और उन से माल लेकर अपने लोगों की मदद करता. मैं नहीं समझता विजय बहुगुणा ने भी मना किया होगा, लेकिन अब कहा जा रहा है तो मोदी जी इन हाउस इंक्वायरी क्यों नहीं करवा लेते?"

Advertisement

गौरतलब है कि शुक्रवार को केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे PM मोदी ने केदारनाथ में गुजारे अपने दिनों याद किया और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद वह केदारनाथ के पुनर्निर्माण के लिए सेवा करना चाहते थे, बतौर गुजरात के सीएम वह यहां कुछ करना चाहते थे, उत्तराखंड की राज्य सरकार भी तैयार हो गई थी, पर जब इस बात की खबर दिल्ली में लोगों को (2013 में दिल्ली में यूपीए की सरकार थी) लगी तो हड़कंप मच गई और उन्हें मना कर दिया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement