
कश्मीर घाटी के बारामूला के रहने वाले गुल जुनैद खान सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बने हैं. ये कश्मीर के उस इलाके से आते हैं, जहां आतंक चरम पर है. जहां पत्थरबाज सीआरपीएफ को ही निशाना बनाते हैं. यहां पग-पग चलना मुश्किल है. पर इन मुश्किलों से निकलकर देश की सेवा करने के लिए देश की उस सुरक्षा बल में शामिल हुआ है जो सुरक्षा बल कश्मीर में पत्थरबाजों से दो-दो हाथ करते हैं.
'हर नागरिक शांति बनाए रखें'
'आज तक' से बातचीत में गुल जुनैद ने कहा कि कश्मीर के युवाओं को ये संदेश देना चाहूंगा कि वो अपना टैलेंट पढ़ाई के लिए प्रयोग करें. वो अपना टैलेंट क्राफ्ट की ओर लगाकर आगे बढ़ें और कश्मीर में एक पीसफुल सिचुएशन बनाने में जुटें. मैं युवाओं को कहूंगा कि कश्मीर जिस शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है वो नॉर्मल हो. देश का सभी नागरिक मिलकर शांति बनाने में मदद करे.
'हिंसा किसी चीज का हल नहीं'
अलगाववादियों को लेकर जुनैद ने कहा कि ये राजनीतिक सवाल है. इस पर राजनेता जवाब देंगे. पर मैं इस समय सीआरपीएफ में हूं और मुझे जो बताया जाता है वो हम देश के लिए करते हैं. कश्मीर के लोग आर्मी में आईएएस बन रहे हैं. जुनैद खान ने आतंक को लेकर कहा कि हिंसा किसी भी चीज का हल नहीं है. मैं आज ये कहना चाहूंगा कि अगर वायलैंस से कुछ हल होता तो बहुत दिन पहले ही सब हल हो जाता. बातचीत से ही सब हल होना है.
उन्होंने कहा कि हमारा स्कूलिंग और पढ़ाई ऐसी हों पाई की हम आज इस पोजीशन में पहुंच पाए हैं. जब मैंने बारामूला से स्कूलिंग की थी, तब कुछ स्थिति नॉर्मल थी. शांतिपूर्वक पढ़ाई हुई. अब ऐसा नहीं है.