
गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार कांड में कारावास की सजा भुगत रहे 22 दोषियों ने गुरुवार से भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. सूत्र बताते हैं कि कैदी जेल के भीतर मानसिक त्रासदी की शिकायत कर रहे हैं. उनका आरोप है कि जेल प्रशासन उनकी शिकायत को अनसुना कर रहा है.
बताया जाता है कि अहमदाबाद के साबरमती सेंट्रल जेल में बंद इन कैदियों ने जेल अधीक्षक से लेकर तमाम अधिकारियों से इस बाबत शिकायत की थी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद भूख हड़ताल का फैसला किया गया.
बता दें कि बीते शुक्रवार को विशेष एसआईटी अदालत ने इनमें से 11 दोषियों को आजीवन कारावास (मृत्यु तक) की सजा सुनाई. इसके साथ ही 12 अन्य दोषियों को सात साल जेल की सजा दी गई, जबकि एक अन्य को 10 साल कैद का हुक्म दिया गया.
अदालत ने 36 आरोपियों को किया बरी
गुजरात में 2002 में गोधरा दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग मारे गए थे. अहमदाबाद की विशेष अदालत ने इस मामले में 36 लोगों को बरी कर दिया था.
साल 2009 में शुरू हुई थी सुनवाई, 2016 में सजा
गुलबर्ग मामले की सुनवाई साल 2009 में शुरू हुई थी, उस समय 66 आरोपी थे. इनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है. कोर्ट ने जिन 36 आरोपियों को बरी किया उनमें बीजेपी का पार्षद भी शामिल है. दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने कहा कि वह इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थीं. उन्होंने खुशी जताई और कहा कि सभी अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए. एहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने भी कहा कि उन्हें कोर्ट से बहुत उम्मीदें हैं.
क्या है गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार?
गोधरा कांड के अगले दिन यानी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में दंगा हुआ था. इस दंगे में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की भी मौत हुई थी. हमले में जाफरी सहित 69 लोगों की जान गई थी.