
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत रहीम के अनुयायियों के उत्पात के बाद एक बार ये सवाल उठने लगा है कि उनके पास हथियार कहां से आए और क्या उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी गई. ये सवाल इसलिए भी उठाया जा रहा है कि क्योंकि 2010 में सेना की खुफिया टीम इसकी आशंका जताई थी.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दिसंबर 2010 में सिरसा के डेरा मुख्यालय में भक्तों को हथियारों की ट्रेनिंग देने की बात सामने आई थी. आर्मी इंटेलिजेंस ने इस बात की आशंका जताई थी. खुफिया टीम ने कहा था कि ट्रेनिंग के लिए पूर्व सैनिकों का इस्तेमाल होने की आशंका जताई थी.
इस सूचना के बाद बाकायदा सेना कर्मियों को एडवाइजरी भी जारी की गई थी. उन्हें ऐसी कोई भी ट्रेनिंग न देने की ताकीद की गई थी.
पुलिस को नहीं मिले सबूत
हालांकि, इस सूचना के बाद पुलिस डेरा मुख्यालय में तलाशी ली थी. मगर पुलिस को हथियारों की ट्रेनिंग के संबंध में सबूत नहीं मिले.
शुक्रवार को गुरमीत को रेप के आरोप में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में उनके भक्तों ने बवाल मचाया. आगजनी और तोड़फोड़ की. इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस को एक AK-47 और एक माउजर बरामद हुआ. साथ ही एक गाड़ी से दो राइफल और 5 पिस्तौल बरामद की गईं.
2014 में हिसार में संत रामपाल के समर्थकों ने सुरक्षाबलों के साथ खूनी संघर्ष किया. रामपाल की गिरफ्तारी के विरोध में उनके भक्तों ने पुलिस से मीडिया पर हमला किया. भक्तों ने हथियारों का भी इस्तेमाल किया. इस घटना का पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खुद से संज्ञान लिया.
वहीं दूसरी हरियाणा सरकार ने 2015 में कोर्ट में डेरा मुख्यालय को जवाब दाखिल किया. सरकार ने डेरा को क्लीन चिट देते हुए कोर्ट को बताया कि जांच में डेरा मुख्यालय में हथियारों की ट्रेनिंग या हथियारों को जमा रखने की बात सामने नहीं आई थी.