
सिरसा डेरे की नींव रखने वाले शाह मस्ताना के शिष्य गुरु हरदयाल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि सिरसा के डेरे को बंद न किया जाए और न ही पुराने डेरे की संपत्ति को अटैच किया जाए. वे चाहते हैं कि पुराना डेरा सच्चा सौदा चलता रहे. उनकी याचिका पर हाईकोर्ट नवंबर में सुनवाई करेगी.
गुरमीत राम रहीम पर फैसला आने के बाद भड़की हिंसा में 200 करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद हुई. हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि हर्जाना डेरे की संपत्ति को जब्त करके वसूला जाए. इस मामले में डेरे की कई संपत्ति सरकार ने अटैच कर ली है. लेकिन कुछ संपत्ति को अटैच करने पर गुरु हरदयाल ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
हरदयाल के मुताबिक, 1948 में यह डेरा सिरसा में बनाया गया था. इस पुराने डेरे को बंद न किया जाए. हालांकि, 1992 के बाद गुरमीत राम रहीम द्वारा बनाए गए डेरे और सैकड़ों एकड़ में फैली संपत्ति के साथ सरकार कुछ भी करे. उन्हें नए डेरे और राम रहीम की संपत्तियों को अटैच किए जाने पर कोई एतराज नहीं है.
गुरु हरदयाल ने कहा कि वैसे भी पुराने डेरे में संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं है. इसे सेवा भाव से सन 1948 में बलूचिस्तान से आए शाह मस्ताना ने शुरू किया था. मस्ताना ने पुराने डेरे में डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी थी. गुरुदयाल चाहते हैं कि पुराने डेरे को बंद ना किया जाए. डेरा सच्चा सौदा समर्थक बाबा शाह मस्ताना के आश्रम में जाकर उनकी गद्दी पर माथा टेक सकें
अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि या तो सरकार पुराने डेरे का नियंत्रण अपने अधीन कर ले या उसे डेरा समिति को संचालित करने दें. जिसकी निगरानी खुद सरकार करे. उन्होंने यह भी कहा कि राम रहीम को डेरा सच्चा सौदा की गद्दी नहीं सौंपी गई थी. उसे संगत ने डेरा सच्चा सौदा का कामकाज देखने की जिम्मेदारी दी थी. फिलहाल हाईकोर्ट इस मामले में नवंबर में सुनवाई करेगा.