
सड़क पर खड़ी कार हटाने के नाम पर पुलिसकर्मियों ने एक मजिस्ट्रेट के साथ अभद्रता की. कार का गेट खोलने पर धक्का लगने से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मनोज गोयल के होंठ, दाएं हाथ की कलाई में चोट भी आ गई. मनोज गोयल की ओर से अपना परिचय दिए जाने के बावजूद उनके साथ बदसलूकी की गई. हैरानी की बात है कि जिस वक्त ये सब हुआ उस वक्त थाना प्रभारी अखिलेश गोस्वामी भी वहां मौजूद थे. घटना की सूचना मिलने पर अन्य मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंच गए. वो मनोज गोयल को लेक सिविल अस्पताल डबरा डबरा पहुंचे जहां उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया.
दबाव बढ़ा तो अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई. वकीलों ने भी मौके पर पहुंच कर मनोज गोयल से अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की. चार घंटे तक विवाद चलता रहा. एडिशनल एसपी राजेश त्रिपाठी इस मामले को सुलझाने के लिए देर रात तक मशक्कत करते रहे. इस घटना में शामिल दो कांस्टेबलों को लाइन अटैच कर दिया गया. पुलिस का कहना है कि गलतफहमी की वजह से यह घटना हुई. फिलहाल इस मामले में मजिस्ट्रेट की ओर से मामला दर्ज कराए जाने की सूचना नहीं है.
सिविल कोर्ट , डबरा में तैनात मजिस्ट्रेट मनोज गोयल अपनी पत्नी के साथ बाजार में खऱीदारी के लिए आए थे. उन्होंने कार सड़क किनारे खड़ी की थी. तभी पुलिस की गाड़ी वहां पहुंची और पुलिसकर्मियों ने दबंगई वाले रवैये से गाड़ी को वहां से हटाने के लिए कहा. पहले पुलिस की गाड़ी को ड्राइव करने वाले कांस्टेबल ने बदसलूकी की. मजिस्ट्रेट कार में बैठने लगे तो एक कांस्टेबल की ओर से धक्का देने की वजह से कार का दरवाजा उनके मुंह पर लग गया.
थाना प्रभारी अखिलेश गोस्वामी ने समझदारी से काम लिया होता तो इतना विवाद नहीं होता. गोस्वामी की ओर से लगातार बहस की जाती रही. मजिस्ट्रेट मनोज गोयल से अभद्रता की सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट प्रवीण गर्ग भी मौके पर पहुंचे. दोनों से थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने किस तरह तकरार की, इसका वीडियो भी सामने आया है।