
दक्षिण कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के पीछे हाफिज सईद के दामाद खालिद वलीद का हाथ था. सूत्र बताते हैं कि खालिद पाकिस्तान में अपने हैंडलर सैफुल्लाह साजिद जट उर्फ नोमी के संपर्क में था. इस हमले में शनिवार को 8 जवान शहीद हो गए, जबकि जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया.
खुफिया एजेंसियों को शक है कि पंपोर में आतंकी घटना का मास्टरमाइंड हाफिज का दामाद खालिद ही है. वह लगातार अपने हैंडलर और लश्कर कमांडर सैफुल्लाह के संपर्क में था. सोमवार को पंपोर शहर में श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया. इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए लश्कर प्रमुख ने बयान दिया है कि भारतीय सुरक्षा बलों पर कश्मीर की आजादी तक हमले होते रहेंगे.
घात लगाए आतंकियों ने की फायरिंग
पंपोर शहर के गुजर रहा सीआरपीएफ का काफिला जैसे ही नम्बलाबल के पास पहुंचा, घात लगाए बैठे आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस आतंकी हमले को लेकर CRPF के DG दुर्गा प्रसाद से जानकारी ली और जांच के आदेश दिए हैं.
आतंकियों को मारने पर विवाद!
सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के दौरान भीषण मुठभेड़ के कुछ समय बाद ही अर्धसैनिक बल और सेना के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि किसके कर्मियों ने आतंकवादियों को मार गिराया. सेना ने दोनों आतंकवादियों को जवाबी गोलीमारी में मार गिराने का दावा किया, वहीं सीआरपीएफ ने गलत तरीके से श्रेय लेने पर विरोध दर्ज करवाया.
कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल सीआपीएफ ने आरोप लगाया कि सेना के कुछ जवान मुठभेड़ समाप्त होने के बाद वहां पहुंचे और आतंकवादियों के शवों के साथ सेल्फी लेने लगे. कुछ समय के बाद ही सेना के उत्तरी कमान ने ट्वीट किया कि सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, जिन्होंने पंपोर में सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया था. इस बात से नाराज सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने यह मामला सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उठाया.
इसके कुछ देर बाद उत्तरी कमान के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर लिखा गया, ‘पंपोर आपरेशन पर ताजा जानकारी. घायल सीआरपीएफ जवानों को अस्पताल ले जाया गया. सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान में दो आतंकवादी मारे गए.’ सीआरपीएफ अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया कि कोई संयुक्त आपरेशन नहीं हुआ था.