शैतान को कंकड़ मारने के साथ हज सम्पन्न

तकरीबन डेढ़ लाख भारतीय समेत 20 लाख से ज्यादा हज यात्रियों ने मिना घाटी में आज शैतान को कंकड़ मारने की रस्म अदा की और इसके साथ हज सम्पन्न हो गया, जबकि दुनिया के एक बड़े हिस्से में मुसलमानों ने ईद उल अजहा मनाई.

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शैतान को कंकड़ मारने की तस्‍वीर शैतान को कंकड़ मारने की तस्‍वीर

aajtak.in

  • मिना,
  • 04 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

तकरीबन डेढ़ लाख भारतीय समेत 20 लाख से ज्यादा हज यात्रियों ने मिना घाटी में आज शैतान को कंकड़ मारने की रस्म अदा की और इसके साथ हज सम्पन्न हो गया, जबकि दुनिया के एक बड़े हिस्से में मुसलमानों ने ईद उल अजहा मनाई.

मक्का की मस्जिद अल-हराम से करीब पांच किलोमीटर दूर पूर्व में मिना घाटी में शैतान के प्रतीक तीन खंभों पर कंकड़ी मारने के लिए हज यात्री जमा हुए. कंकड़ी मारने की इस रस्म की शुरुआत आज तड़के हुई और इरहाम या दो टुकड़ों वाली अनसिली सफेद लिबास पहने लाखों हज यात्रियों ने दिन भर इसमें हिस्सा लिया.

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कंकड़ मारने की इस रस्म के बाद हजयात्रियों ने अपने इकलौते बेटे हजरत इस्माईल को अल्लाह को कुर्बान करने की पैगंबर इब्राहीम की ख्वाहिश की याद में जानवरों की कुर्बानी दी. हजरत इब्राहीम जब अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माईल को कुर्बान करने चले थे तो शैतान ने उन्हें वरगलाने की कोशिश की थी. इसपर हजरत इब्राहीम ने शैतान को कंकड़ी मारी थी. इसी की याद में हजयात्री शैतान के प्रतीक खंभों को कंकड़ी मारते हैं.

हजयात्रियों ने पूरे जोश-खरोश के साथ ईद उल अजहा मनाई. समूचे अरब जगत और दुनिया के एक बड़े हिस्से में आज ईद उल अजहा मनायी गई. अराफात में कल इबादत करने के बाद हज यात्री मिना घाटी में शैतान को कंकड़ी मारने की रस्म निभाने के लिए कंकड़ी जमा करने मुज्दलिफा गए. कंकड़ी मारने की इस रस्म के दौरान पहले कई मौकों पर भगदड़ भी मच चुकी है. इस बार हज यात्रा में कोई दुर्घटना नहीं हुई. सउदी सरकार ने यहां एक हाईटेक पुल बनाया है, ताकि कंकड़ी मारने की रस्म सुरक्षित पूरी की जा सके. इस पुल को विस्तार दिया गया है और अब इसमें हर घंटे एक साथ तीन लाख लोगों के लिए गुंजाइश है.

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कंकड़ी मारने और जानवरों की कुर्बानी देने के बाद हाजियों ने अपने सिर मुंडाए. इसके बाद हाजियों ने इहराम उतार दिए और उसकी जगह रोजमर्रा की अपनी लिबास पहन ली. कुछ ने काबा का तवाफ किया. दूसरे कल तवाफ करेंगे जब वहां भीड़ आज के मुकाबले कम होगी. कल तवाफ करने वालों में बुजुर्ग भी होंगे.

सउदी अरब के मुफ्ती-ए-आजम अब्दुल अजीज अल-अश्शेख ने कल अपने वाषिर्क अराफात खुत्बा (प्रवचन) में उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ इस्लाम का रुख स्पष्ट किया था. मुफ्ती-ए-आजम ने मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान भी किया था ताकि ज्यादा मजबूत मुस्लिम समुदाय का निर्माण हो सके.

हज के एक महीने से ज्यादा लंबे सफर के अंत के करीब आने पर भारतीय हाजियों के कैंप का मंजर जज्बाती था. कई लोगों की आंखें खुशी से नम थी. हर जगह लोग इबादत कर रहे थे और अल्लाह को याद कर रहे थे. हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और जो भी मुसलमान वित्तीय एवं शारीरिक रूप से सक्षम हैं उन्हें अपने जीवन काल में कम से कम एक बार हज जरूर करना चाहिए.

इस साल एक लाख 36 हजार से ज्यादा हिंदुस्तानी मुसलमानों ने हज किया. भारतीय वाणिज्य महादूत बीएस मुबारक ने बताया, 'अभी तक हज अच्छा हुआ. सभी हिंदुस्तानी हाजी मिना में हैं और रमी (शैतान को कंकड़ी मारने) की रस्म पूरा कर रहे हैं.' मुबारक ने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि हज अभी तक घटनाओं से मुक्त रहा है. जब तक हाजियों का आखिरी जत्था 10 नवंबर को सुरक्षा पूर्वक उड़ान नहीं भरते, हम अपने तईं जो बेहतर हो सकता है करेंगे और तब कामयाबी का एलान करेंगे.'

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