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हाजीपुर कोर्ट ने AIMIM प्रमुख ओवैसी के खिलाफ जारी किया गैर-जमानतीय वारंट

मुबंई धमाके के आरोपी याकूब मेमन को फांसी देने के बाद ओवैसी द्वारा दिए गए विवादित बयानों को लेकर अधिवक्ता राजीव कोर्ट ने परिवाद पत्र दायर किया था.

ओवैसी के जारी हुआ गैर-जमानती वारंट ओवैसी के जारी हुआ गैर-जमानती वारंट
सुजीत झा
  • पटना,
  • 23 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने गैर-जमानतीय वारंट जारी किया है. इससे पहले कोर्ट ने ओवैसी के खिलाफ 23 जुलाई, 2016 को समन जारी किया था, लेकिन ओवैसी ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, शशि थरुर और वारिस पठान के खिलाफ भी समन जारी किया गया था लेकिन गैर-जमानतीय वारंट अभी सिर्फ औवैसी के खिलाफ ही जारी किया गया है.

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मुबंई धमाके के आरोपी याकूब मेमन को फांसी देने के बाद ओवैसी द्वारा दिए गए विवादित बयानों को लेकर अधिवक्ता राजीव कोर्ट ने परिवाद पत्र दायर किया था.

दिग्विजय सिंह और शशि थरुर का नाम भी शामिल

व्यवहार न्यायालय में दायर परिवाद पत्र में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, शशि थरुर और वारिस पठान को आरोपी बनाते हुए इनपर देश द्रोह का मुकदमा चलाने की अपील की गयी थी. परिवाद पत्र में इन सभी के खिलाफ देश द्रोह और देश की एकता और अखंडता पर हमला करने को लेकर धारा 124 ए और 153 बी के तहत मामला दर्ज करने का आग्रह कोर्ट से परिवाद पत्र दायर करने वाले अधिवक्ता ने की थी.

लगभग सालभर चली सुनवाई के बाद अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी आनंद कुमार ने सभी आरोपियों को पहले 23 जुलाई,2016 को समन जारी करते हुए यह निर्देश दिया है कि वो 11 अगस्त को अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी -2 के न्यायालय में हाजिरी लगाने के लिए उपस्थित हों. लेकिन 11 अगस्त को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ अन्य आरोपी कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करते हुए उपस्थित नहीं हुए, तब जाकर कोर्ट ने औवैसी के खिलाफ गैर-जमानतीय वारंट जारी किया है.

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