
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के स्टूडेंट कुशाग्र तायल ने 56,980 प्लास्टिक के कपों से 22 फीट का पिरामिड बनाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया है.
कुशाग्र को बचपन से गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने की इच्छा थी. इसे पूरा करने लिए कई उपाय किए कभी ड्रम बजाने की सोची तो कभी बैडमिंटन खेलने की लेकिन बात नहीं बनी. अंत में कॉलेज की कैंटीन में कप ने उन्हें वो रास्ता दिखाया जिसके जरिए उनका सपना साकार हुआ.
आसान नहीं थी राह...
हंसराज कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स सेकेंड ईयर के स्टूडेंट कुशाग्र कहते हैं. उन्होंने सोच तो बहुत लेकिन यह राह उतनी आसान नहीं थी. पहले सोचा कि अकेले ही विश्व रिकॉर्ड के लिए प्रयास किया जाए लेकिन बात नहीं बनी. फिर एक टीम बनाकर इसके लिए प्रयास किया. कुशाग्र कहते हैं कि इस पिरामिड को टीम के बिना बनाना संभव ही नहीं था. इससे पहले मैक्सिको में वर्ष 2015 मे 42,925 प्लास्टिक के कपों के पिरामिड बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज था. इस रिकॉर्ड को कुशाग्र की टीम ने तोड़ते हुए नया कीर्तमान बनाया है.
कुशाग्र ने बताया कि इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में पिरामिड बनाने की शुरुआत 14 सितंबर हुई जो कि 17 सितंबर को पूरा हुआ.
परिवार का मिला पूरा सहयोग
कुशाग्र ने बताया कि इस काम में जहां उनकी टीम व कॉलेज प्राचार्य डॉ. रमा ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया. वही उनके परिवार खासतौर पर पिता प्रदीप तायल का भरपूर सहयोग मिला.