
"एक लड़की पढ़ती है तो एक पूरी पीढ़ी पढ़ती है"... "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ"... ये वो स्लोगन हैं जो लड़कियों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए दिए जाते रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लड़कियों की पढ़ाई पर विशेष जोर देते रहे हैं. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का फोकस भी कन्या भ्रूण हत्या के अभिशाप से राज्य को पूरी तरह मुक्त करने और लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने पर रहा है. अब ये बात अलग है कि हरियाणा के रेवाड़ी में लड़कियों को पढ़ाई के लिए अपनी जंग खुद लड़नी पड़ रही है.
रेवाड़ी में छेड़खानी से परेशान लड़कियों का अनशन
रेवाड़ी के खोल ब्लॉक के गांव गोठड़ा टप्पा डहिना की 80 से अधिक लड़कियां बीते एक हफ्ते से अनशन पर हैं. इनकी मांग है कि गांव के 10वीं तक के स्कूल का दर्जा बढ़ा कर सीनियर सेकेंडरी किया जाए जिससे कि वहां 12वीं तक पढ़ाई हो सके. यहां की छात्राओं को 10वीं से आगे की पढ़ाई के लिए कनवली स्थित स्कूल जाना पड़ता है. ये स्कूल इनके गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है. छात्राओं के मुताबिक उन्हें रोज स्कूल आने-जाने में छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है. गांव के सरपंच सुरेश चौहान का कहना है कि छेड़छाड़ करने वाले शोहदे किस्म के लड़के इतने शातिर हैं कि हेलमेट पहने रखते हैं, जिससे कि उनकी पहचान ना हो सके.
अनशन ने 4 लड़कियों की हालत बिगड़ीं
लड़कियों ने अपनी परेशानी घरवालों के साथ ही सरपंच को भी बताई. घरवालों ने तो लड़कियों को यहां तक कह दिया कि स्कूल छोड़ दो. वहीं सरपंच ने मामले को स्थानीय अधिकारियों के सामने उठाया लेकिन बात नहीं बनी. आखिरकार इन लड़कियों ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी. एक तो भीषण गर्मी और ऊपर से भूख हड़ताल की वजह से चार लड़कियों की तबीयत बिगड़ गई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. एक लड़की को पीजीआई रोहतक रेफर करना पड़ा तो दो को रेवाड़ी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा.
हरियाणा के शिक्षा मंत्री का हैरान करने वाला बयान
एक ओर छात्राएं बीते एक हफ्ते से भीषण गर्मी में अनशन करते हुए बेहाल हैं. वहीं हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम विलास शर्मा छात्राओं के विरोध को कहीं ना कहीं राजनीति से जोड़ कर देखते हैं. शर्मा के मुताबिक वो छात्राओं से अपील करते हैं कि वे राजनीति के चक्कर में ना पड़ें. शर्मा के मुताबिक स्कूल को अपग्रेड करने का काम प्रक्रिया के तहत होगा और वो छात्राओं को आश्वासन देते हैं कि शीघ्र ही कार्रवाई शुरू होगी. शर्मा ने ये भी कहा कि हरियाणा में भी उत्तर प्रदेश के एंटी रोमियो स्क्वॉड की तर्ज पर छेड़खानी रोकने के लिए पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. हरियाणा के डीजीपी खुद 'ऑपरेशन दुर्गा' की निगरानी कर रहे हैं. शर्मा ने लड़कियों से अपना धरना खत्म करने की अपील भी की.
लड़कियां अपनी मांग पर अड़ीं
एक हफ्ता बीतने के बाद लड़कियों की मांग पर किसी ने सुध नहीं ली तो उन्होंने खुद ही गांव के स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया है. इन छात्राओं का कहना है कि जिन हालात से हमें इस वक्त गुजरना पड़ रहा है, हम नहीं चाहतीं कि हमारे छोटे भाई-बहनों को भी वही सब सामना करना पड़े. लड़कियों के मुताबिक जब तक स्कूल को अपग्रेड करने की उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक छोटे भाई-बहनों को भी स्कूल नहीं भेजा जाएगा.
लड़कियों का कहना है कि जब तक स्कूल को अपग्रेड करने की बात लिखित में उन्हें नहीं सौंपी जाएगी तब तक उनका अनशन जारी रहेगा और स्कूल का ताला भी नहीं खुलने दिया जाएगा. गांव के सरपंच सुरेश चौहान लड़कियों का मनोबल बढ़ाने के लिए खुद उनका अनशन में साथ दे रहे हैं.
बता दें कि छात्राओं के अनशन को खत्म कराने के लिए कोसली के विधायक विक्रम ठेकेदार मौके पर पहुंचे थे लेकिन छात्राओं ने साफ कर दिया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वो पीछे नहीं हटेंगी. विधायक ने छात्राओं की मांग को जायज बताते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में शिक्षा मंत्री से बात की है. अगर गांव के स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ जाए तो वो स्कूल को अपग्रेड करा देंगे.
वहीं, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राज कुमार का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए सरकार की ओर से कुछ मानक तय हैं. अगर इन्हें पूरा किया जाए तो स्कूल को अपग्रेड करने के लिए पत्र उच्च अधिकारियों के पास भेजा जा सकता है. शिक्षा विभाग का कहना है कि सेकेंडरी स्कूल के तौर पर स्कूल को अपग्रेड करने के लिए छात्र-छात्राओं की न्यूनतम संख्या निर्धारित हैं. लेकिन गांव के स्कूल में उस संख्या से कम छात्र-छात्राएं हैं. इसके बावजूद शासन तक छात्राओं की मांग को पहुंचाया जाएगा. अब देखना है कि लड़कियों के शिक्षा अभियान पर करोड़ों के बजट और विज्ञापनों से वाहवाही जुटाने वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार रेवाड़ी की लड़कियों की जायज मांग को लेकर कब नींद से जागती है.