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धोनी को लेकर चैपल के कमेंट पर भड़के भज्जी, बोले- ग्रेग का इरादा कुछ और था

अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह टीम के पूर्व कोच ग्रैग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा समय मानते हैं.

Mahendra Singh Dhoni and former coach Greg Chappell (Reuters) Mahendra Singh Dhoni and former coach Greg Chappell (Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2020,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह टीम के पूर्व कोच ग्रैग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा समय मानते हैं. चैपल ने एक फेसबुक पेज पर बातचीत में महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कहा था कि उन्होंने धोनी को हर बार गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुंचाने के बजाए शॉट को नीचे खेलने की सलाह दी थी.

हरभजन ने ट्वीट किया, 'उन्होंने धोनी को शॉट नीचे रखकर खेलने की सलाह इसलिए दी थी क्योंकि कोच हर किसी को मैदान के बाहर पहुंचा रहे थे.' उन्होंने जिस हैशटैग का इस्तेमाल किया उसमें लिखा है- चैपल के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा समय (#worstdaysofindiancricketundergreg.) चैपल ने एक फाउंडेशन के साथ फेसबुक पेज पर धोनी को लेकर यह भी कहा कि उनके जैसा ताकतवर बल्लेबाज अब तक नहीं देखा.

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चैपल ने कहा, 'मुझे याद है कि जब मैंने उनको पहली बार बल्लेबाजी करते देखा तो मैं हैरान रह गया था. उस समय वह भारत में सबसे चमकदार क्रिकेट खिलाड़ी थे. वह काफी अलग तरह से पोजिशन में आकर गेंद को मारते थे. मैंने जितने भी बल्लेबाज देखे हैं, उनमें से वो सबसे ताकतवर हैं.'

चैपल 2005 से 2007 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे. उनका कार्यकाल हालांकि विवादों से भरा रहा और कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनके मतभेद रहे जिसमें तत्कालीन कप्तान और मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल थे.

चैपल ने कहा, 'मुझे उनकी श्रीलंका के खिलाफ खेली गई 183 रनों की पारी याद है. उनकी ताकतवर बल्लेबाजी उस समय बेहतरीन थी. अगला मैच पुणे में था और मैंने धोनी से कहा था कि आप हर गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने के बजाए शॉट नीचे रखकर क्यों नहीं खेलते. अगले मैच में हम तकरीबन 260 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और अच्छी स्थिति में थे. धोनी ने कुछ दिन पहले जो बल्लेबाजी की थी, वह उससे उलट बल्लेबाजी कर रहे थे.'

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चैपल ने कहा, 'हमें 20 रन चाहिए थे और धोनी ने 12वें खिलाड़ी आरपी सिंह के जरिए मुझसे छक्का मारने को पूछा था. मैंने कहा, तब तक नहीं जब तक लक्ष्य एक अंक में नहीं आ जाता. फिर जब हमें छह रन की जरूरत थी तो उन्होंने छक्का मारकर मैच समाप्त कर दिया.'

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