
महाराष्ट्र में मराठा को आरक्षण देने की घोषणा के बाद हार्दिक पटेल ने भी अपना रुख बदला है. पिछले 3 साल से गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक गुरुवार को ओबीसी आयोग पहुंचे. हार्दिक पटेल की मांग है कि ओबीसी पंच पाटीदारों का सर्वे करे.
महाराष्ट्र में लंबे वक्त से मराठा आरक्षण की मांग कर रहे थे, जिसे ओबीसी आयोग के सर्वे के बाद महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा कर दी है. ऐसे में पाटीदार नेता आरक्षण की मांग के साथ गांधीनगर में ओबीसी आयोग पहुंचे.
हार्दिक पटेल और उनकी टीम की ओर से आयोग के अध्यक्ष सुगना भट्ट के सामने मांग रखी गई कि, कम से कम पाटीदारों का सर्वे करवाया जाए ताकि आरक्षण को लेकर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. हार्दिक पटेल ने गुजरात की विजय रुपानी सरकार के रवैये को लेकर भी कई सवाल खड़े किए. हार्दिक पटेल का कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बने महज 4 साल ही हुए हैं, वहां आरक्षण दिया जा रहा है, तो गुजरात में तो पिछले 25 साल से बीजेपी की सरकार है.
पिछले 3 साल से गुजरात में पाटीदार लगातार आरक्षण की मांग कर रहे हैं. हार्दिक पटेल की मांग है कि ओबीसी कोटा जिन लोगों को मिला हुआ है उसमें वो कोई खलल पहुंचाना नहीं चाहते. आयोग पाटीदारों का सर्वे कर उनको आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए प्रयास करे.
वहीं, हार्दिक पटेल का कहना है कि, गुजरात में चुनाव से पहले कमजोर तबकों के लिए कांग्रेस ने आरक्षण की बात कही थी, ऐसे में कांग्रेस से भी हमारी मांग है कि, वो पाटीदारों के लिए शीतकालीन सत्र में एक प्राइवेट बिल लेकर आए. जैसे बीजेपी राम मंदिर के लिए लाने का सोच रही है, उसी तर्ज पर पाटीदारों के लिए आरक्षण का प्राईवेट बिल लाना चाहिए.
हार्दिक पटेल ने पाटीदार को आर्थिक और सामाजिक तौर पर आरक्षण मिले इसके लिए 11 पन्नों कि एक याचिका ओबीसी आयोग को दिया है. हालांकि, ओबीसी आयोग ने हार्दिक पटेल कि सर्वे करने की मांग पर सोचने कि बात कही है.