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हार्दिक पटेल ने गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का विरोध करने का एलान किया. साथ ही आरोप लगाने वाले दोनों साथियों को पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति से बाहर निकल दिया है.
हार्दिक ने की मीटिंग
गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर गुजरात से तड़ीपार किए गए पाटीदार आरक्षण के नेता हार्दिक पटेल ने पहली बार उदयपुर में अपने आंदोलन के साथियों की मीटिंग बुलाई. पाटीदार नामत आंदोलन समिति की ओर से सभी संयोजकों एवं सह संयोजकों की एक मीटिंग हार्दिक पटेल के उदयपुर स्थित अस्थाई निवास पर आयोजित हुई.
हार्दिक पर लगाए के गंभीर आरोप
इस बैठक में सर्वसम्मति से पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल के सहयोगी रहे केतन पटेल और चिराग पटेल को सस्पेंड किया गया. दरअसल केतन और चिराग पटेल ने पिछले दिनों पाटीदार आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल पर चंदा हड़पने के सनसनीखेज आरोप लगाये थे, जिस पर रविवार को सभी संयोजकों ने मिलकर दोनों को पाटीदार नामत आंदोलन समिति से सस्पेंड कर दिया है.
पीएम मोदी का करेंगे विरोध
बैठक के दौरान सभी सदस्यों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 अगस्त को सौराष्ट्र में होने जा रहे एक कार्यक्रम का विरोध करने का भी फैसला लिया गया. दरअसल नरेंद्र मोदी 30 अगस्त को सौराष्ट्र में एक जल परियोजना का लोकार्पण करेंगे. इस दौरान पाटीदार समाज की ओर से मोदी के इस कार्यक्रम का जोरदार विरोध किया जाएगा. बैठक में आंदोलन को लेकर आगामी रणनीति तय की गई, जिसमें मध्य गुजरात में एक महिला सम्मलेन और अहमदाबाद में एक जन आक्रोश रेली करने का भी निर्णय लिया गया.
नजरबंद रखने के खिलाफ प्रस्ताव
आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल ने बैठक के बाद कहा कि उनकी अनुपस्थिति में आंदोलन को गुजरात में मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने पर रणनीति बनाई गई है. साथ ही प्रधानमंत्री की सभा में विरोध जताने के लिए भी रुपरेखा बनाई गई है. बैठक में कहा गया कि केतन पटेल और चिराग पटेल बीजेपी के इशारे पर आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं. बैठक में राजस्थान सरकार के हार्दिक पटेल को घर में नजरबंद रखने के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित किया गया. गौरतलब है कि इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका पर 2 सितंबर को राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है.