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अनशन से पहले ही हिरासत में हार्दिक पटेल, नहीं मिली थी इजाजत

इस अनशन के लिए हार्दिक ने पहले ही अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से अनुमती मांगी थी, हालांकि अब तक उन्हें अनशन की जगह के लिए अनुमति नहीं दी गई है.

हार्दिक पटेल हार्दिक पटेल
परमीता शर्मा/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 19 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 1:30 AM IST

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने रविवार को एक दिन का सांकेतिक उपवास का ऐलान किया था. हार्दिक के उपवास करने के लिए तयशुदा जगह पहुंचने से पहले ही अहमदाबाद पुलिस की टीम ने उन्हें और उनके करीब 200 साथियों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान हार्दिक और पुलिस के बीच काफी झड़प हुई. हार्दिक और उनके साथि‍यों के साथ काफी सख्ती के बाद पुलिस उन्हें वहां से ले जाने में कामयाब हो सकी.

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दरअसल हार्दिक पटेल 25 तारीख से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने वाले थे. इसके लिए उन्होंने अहमदाबाद की चार अलग-अलग जगहों पर उपवास करने की अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से इजाजत मांगी थी.

हालांकि, प्रशासन की ओर से उन्हें इजाजत न दिए जाने के कारण आज हार्दिक ने आज उसी जगह अपनी गाड़ी में बैठकर एक दिन के सांकेतिक उपवास करने का ऐलान किया था. इसके लिए उन्होंने सीएम विजय रुपानी को एक खुला पत्र लिखकर सूचित किया था.

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता आज अपने घर से उस जगह पर जाने के लिए निकले ही थे, तभी उन्हें घर के बाहर से ही पुलिस की टीम ने हिरासत में ले लिया.

हार्दिक के मुताबिक, 'पुलिस द्वारा उन्हें गोली मारने की धमकी दी गई. दरअसल सरकार को कहीं-न-कहीं ये डर सता रहा है कि पिछली बार जि‍स तरह पाटीदारों की क्रांतिरैली के बाद गुजरात में हिंसा हुई थी और 14 लोगों की जान गई थी. इस बार भी हार्दिक के अनिश्चितकालीन अऩशन से गुजरात में कानून और व्यवस्था की स्थ‍िति खराब हो सकती है.'

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साथ ही हार्दिक का कहना है कि, 'कानून और व्यवस्था संभालना सरकार की जिम्मेदारी है.'

गौरतलब है कि शनिवार को हार्दिक ने सीएम रुपानी को जो पत्र लिखा है, उसमें कहा है कि क्या गुजरात में जनता को सवाल पूछने का भी हक नहीं है? विरोध करना, शांतिपूर्ण आंदोलन करना, सरकार की नीतियों के सामने अपनी असहमति जताने के अधिकारी सरकार छीन रही है. हमें शांतिपूर्ण तरीके से उपवास आंदोलन करने की अनुमति न देना, सुप्रीम कोर्ट और संविधान में दिए हमारे अधिकारों का भंग होना है.

बता दें कि हार्दिक पटेल किसानों के कर्ज माफी की मांग और पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग के साथ एक बार फिर 25 अगस्त से अनशन शुरू कर रहे हैं, हार्दिक पटेल ने कहा है कि ये लड़ाई सरकार के साथ आखिरी लड़ाई होगी जो कि आर-पार की होगी.

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