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बेटियों के कंधे पर निकली ‘गुटखा किंग’ लालवानी की शव यात्रा

गुरूवार रात लालवानी को मस्तिष्काघात हुआ था, जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.

हरिभाई लालवानी की बेटियों ने तोड़ी परंपरा की बेड़ियां हरिभाई लालवानी की बेटियों ने तोड़ी परंपरा की बेड़ियां
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 11 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST

‘गुटखा किंग’ के नाम से मशहूर पान सेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिभाई लालवानी (65) का पार्थिव शरीर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया और उनकी चारों बेटियों ने उनकी अर्थी को कंधा देकर नया इतिहास रच दिया.

हरिभाई लालवानी की शव यात्रा शनिवार की सुबह नोएडा के सेक्टर-40 स्थित घर से गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी और उनकी एक बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी.

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गुरूवार रात लालवानी को मस्तिष्काघात हुआ था, जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.

लालवानी की बेटी अनीता लालवानी ने बताया कि उन्होंने मृत्यु से पहले यह इच्छा जतायी थी कि जब उनकी मौत हो तो उनकी शव यात्रा किसी उत्सव के समान निकाली जाये. प्रिंस गुटखा के मालिक रहे लालवानी वर्ष 1990 के दशक में नोएडा एन्टरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने थे.

अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने वर्ष 1994 में हुए बहुचर्चित नोएडा आवासीय आवंटन घोटाला को जोर-शोर से उठाया था, जिसमें नोएडा प्राधिकरण की तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी नीरा यादव और आईएस अधिकारी राकेश कुमार को सीबीआई की अदालत ने सजा सुनायी थी.

दिल्ली में एक पान की दुकान से अपना कारोबार शुरू करने वाले हरिभाई लालवानी वर्ष 1990 के दशक में ‘गुटखा किंग’ के नाम से मशहूर हो गए.

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