
बता दें कि हरीश साल्वे भारत के बड़े वकीलों मे से एक हैं, पिछले साल अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में जब भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का केस लड़ा गया था. तो पाकिस्तान के खिलाफ हरीश साल्वे ने ही कमान संभाली थी और मात्र एक रुपये की फीस लेकर पाकिस्तान को मात दी थी.
सुषमा स्वराज के निधन के बाद उनकी बेटी बांसुरी स्वराज ने हरीश साल्वे से मुलाकात कर एक रुपये की फीस दी थी. निधन से एक दिन पहले पूर्व विदेश मंत्री ने हरीश साल्वे को फोन किया था और फीस ले जाने को कहा था.
ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, ‘महारानी ने आज अपने 114 वकीलों को बतौर क्वीन काउंसल (QC) नियुक्त किया है. ये उपाधि उन सभी को दी जाती है जो वकालत के क्षेत्र में शानदार काम करते हैं. इन 114 से इतर महारानी ने 10 वकीलों को सम्मानित करने का भी ऐलान किया है.’ ब्रिटिश की महारानी की ओर से 16 मार्च को एक समारोह में सभी से सम्मानित किया जाएगा.
कौन हैं हरीश साल्वे?
हरीश साल्वे की गिनती ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के बड़े वकीलों में होती है. रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी एक दिन की फीस 30 लाख रुपये के आस-पास होती है. हरीश साल्वे ने पिछले साल कुलभूषण जाधव का केस हैंडल किया था, इससे पहले वो सलमान खान, मुकेश अंबानी, इटली सरकार और वोडाफोन जैसे बड़े क्लाइंटेस के लिए पेश हो चुके हैं.
हरीश साल्वे ने नागपुर यूनिवर्सिटी से अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की थी और 1980 में अपने वकालत के करियर की शुरुआत की थी. साल 1992 में हरीश साल्वे दिल्ली हाई कोर्ट में सीनियर एडवोकेट नियुक्त किए गए थे. 1999 से 2002 तक वह देश के सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए.