Advertisement

अखंड सौभाग्य के लिए करें हरतालिका तीज व्रत...

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया को पति की लंबी उम्र के लिए 'हरितालिका तीज' व्रत रखा जाता है. उत्तर भारत में ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को पार्वती जी ने शादी से पहले किया था...

हरतालिका तीज व्रत 2016 हरतालिका तीज व्रत 2016
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्‍ली,
  • 04 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

अखंड सौभाग्य की कामना का परम पावन व्रत हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है. अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं क्योंकि मान्यता है कि मां पार्वती ने इस व्रत को शिवजी को पति रूप में पाने के लिए किया था. इस व्रत में मां भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन किया जाता है.

Advertisement

कैसे करें हरतालिका तीज व्रत
इस व्रत पर सौभाग्यवती स्त्रियां नए लाल वस्त्र पहनकर, मेंहदी लगाकर, सोलह श्रृंगार करती है और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती जी की पूजा आरम्भ करती है. इस पूजा में शिव-पार्वती की मूर्तियों का विधिवत पूजन किया जाता है और फिर हरितालिका तीज की कथा को सुना जाता है. माता पार्वती पर सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है. भक्तों में मान्यता है कि जो सभी पापों और सांसारिक तापों को हरने वाले हरितालिका व्रत को विधि पूर्वक करता है, उसके सौभाग्य की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं.

हरतालिका तीज व्रत का शुभ मुहूर्त
पंडितों और शास्त्रियों के मुताबिक इस बार तीज का पर्व तृतिया तिथि 4 सितंबर को सुबह 5 बजे से लगेगा इसलिए व्रत रखने वाली महिलाएं और लड़कियां इससे पहले ही सरगी कर लें. पूजा करने का सही मुहूर्त शाम 6 बजकर 04 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक है. इस दौरान की गई पूजा बहुत सारी खुशियां और लाभ जातक को पहुंचायेगी.

Advertisement

हरतालिका तीज की पूजन सामग्री
- गीली काली मिट्टी या बालू रेत.
- बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्र, सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते, फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा ).
पार्वती मां के लिए सुहाग सामग्री...
- मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि.
- श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद पंचामृत के लिए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement