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राज्यसभा उपसभापतिः हरिवंश की उम्मीदवारी पर NDA में फूट, विरोध में अकाली दल

भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष ने आम सहमति से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस विपक्ष के किसी भी उम्मीदवार को समर्थन कर सकती है. इसके लिए संयुक्त विपक्ष नामांकन करने के लिए सोच रहा है.

जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश सिंह (फाइल) जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश सिंह (फाइल)
वरुण शैलेश/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

राज्यसभा उपसभापति के लिए जद (यू) के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार होंगे, लेकिन इस उम्मीदवारी पर घटक दलों में फूट पड़ गया, अकाली दल इसके विरोध में आ गया है.जबकि शिवसेना सलाह नहीं लिए जाने से नाराज है.

इस पद के लिए 9 अगस्त को मतदान होंगे. वहीं विपक्ष में एनडीए के उम्मीदवार को शिकस्त देने के लिए संयुक्त प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा चल रही है.

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हरिवंश को राज्यसभा उपसभापति पद का उम्मीदवार बनाने के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कहा कि इस मसले पर चर्चा हो चुकी है. विचार-विमर्श के बाद ही हरिवंश सिंह को राज्यसभा उपसभापति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया गया है.

हालांकि एनडीए की ओर से उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद गठबंधन में फूट पड़ता दिख रहा है. हरिवंश की उम्मीदवारी के विरोध में अकाली दल सामने आया है. अकाली दल को उम्मीद थी कि राज्यसभा में एनडीए का उपसभापति का उम्मीदवार उनकी ही पार्टी का होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

अकाली दल की ओर से नरेश गुजराल का चल रहा था, लेकिन अंतिम समय पर बीजेपी ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया जिससे अकाली दल में नाराजगी फैल गई.

शिवसेना भी नाराज

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अभी अकाली दल की संसदीय दल की बैठक केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के घर पर हुईं जिसमें पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबिर सिंह बादल ने बैठक की अध्यक्षता की. सूत्रों की माने तो अकाली दल 9 अगस्त को राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में गैरहाजिर भी हो सकता है. सुखबिर बादल ने मंगलवार सुबह एक बार फिर से अपनी पार्टी के संसदीय दल की बैठक बुलाई हैं। इस बैठक में पार्टी इस संबंध में बड़ा फैसला ले सकती है.

अकाली दल के साथ-साथ शिवसेना भी नाराज हैं. सूत्रों की माने तो शिवसेना भी इस बात से नाराज है कि उम्मीदवार की घोषणा किए जाने से पहले ना तो हमसे और ना अकाली दल से उम्मीदवारी को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई. सूत्रों की माने तो शिवसेना इस बात से भी नाराज है कि पहले जब अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल का नाम एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर तय हो गया था तो अंतिम समय में जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम की घोषणा क्यों की गई.

विपक्ष भी तैयार

बताया जा रहा है कि उच्च सदन में बीजेपी के पास बहुमत न होने के बावजूद पार्टी विपक्ष को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है. बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्यसभा के इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकती है.

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वहीं, उसे रोकने के लिए कांग्रेस बाकि विपक्ष के साथ मिलकर संयुक्त उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है. हालांकि विपक्ष इस पद के लिए किसे अपना उम्मीदवार बनाएगा, इसे लेकर अभी कोई तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.

यह भी पढ़ें-'बड़ा दिल' दिखाएगी कांग्रेस, NCP को ऑफर करेगी राज्यसभा के उपसभापति का पद

बता दें कि राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव का ऐलान कर दिया गया है. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन को बताया कि 9 अगस्त सुबह 11 बजे उपसभापति पद के लिए चुनाव होगा. इस तरह से मॉनसून सत्र के समाप्त होने से एक दिन पहले राज्यसभा के उपसभापति को चुना जाएगा.

राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन का कार्यकाल इस साल के जून के महीने में पूरा हो गया. राज्यसभा के सभापति ने इस मॉनसून सत्र में चुनाव कराने की घोषणा की है. सत्र 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. ऐसे में उपसभापति के चुनाव के लिए 9 अगस्त का दिन तय किया गया है.

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