
हरियाणा में पिछले कई दिनों से जारी जाट आरक्षण आंदोलन अब हरियाणा सरकार के लिए मुश्किल बनता जा रहा है. 19 फरवरी को जाटों ने "बलिदान दिवस" मनाने का कार्यक्रम रखा है.
दरअसल पिछले साल 19 फरवरी को ही जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ हुई अलग-अलग झड़पों में कई जाट युवा मारे गए थे और उन्हीं को श्रद्धांजलि देने के लिए "बलिदान दिवस" मनाया जा रहा है. हरियाणा पुलिस की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक 19 फरवरी को प्रदर्शनकारी भारी तादाद में इकट्ठा हो सकते हैं और ऐसे में उपद्रव और हंगामे की आशंका है. इसी के चलते हरियाणा सरकार और हरियाणा पुलिस हाई अलर्ट पर है.
आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है. हालांकि जाट नेताओं ने मांगें पूरी न किए जाने पर 19 फरवरी के बाद आंदोलन तेज करने की धमकी दी है.
जाट नेता यशपाल मलिक ने दावा किया है कि रोहतक के जसिया में लगभग 6 लाख लोग श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचेगे. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया कि अभी तक जाट आंदोलनों में जिन लोगों ने शहादत दी है और यही नहीं प्रदेश के जो सैनिक सीमा पर शहीद हुए हैं, उनका श्रद्धांजलि देने के लिए ये बलिदान दिवस मनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 19 तारीख को आंदोलन की एक और रूपरेखा तैयार होगी और लेकिन आंदोलन शांतिपूर्वक रहेगा. यशपाल मलिक ने कहा कि अगर रास्ते रोकने की नौबत आई तो हरियाणा में रास्ते नहीं रोके जाएंगे, क्योंकि हरियाणा आंदोलन का मुख्य केंद्र है. युपी और दिल्ली के रास्तों पर प्रदर्शन होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि बलिदान दिवस के लिए सब तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भीड़ को नियंत्रण करने के लिए वालंटियर तैयार कर दिए गए हैं.