
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. वह करनाल विधानसभा सीट से पर्चा भरेंगे. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी खट्टर के नामांकन के वक्त मौजूद रहेंगे. करनाल जिले के अंदर आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के सभी बीजेपी प्रत्याशी भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ अपना नामांकन पत्र भरेंगे.
हरियाणा की करनाल सीट से 2014 में मनोहर लाल खट्टर ने उतरकर इस सीट को हाई प्रोफाइल बना दिया है. मौजूदा वक्त में बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लगे हुए क्षेत्र का नाम का महाभारत के पात्र दानवीर कर्ण के नाम पर पड़ा है. करनाल विधानसभा सीट पर पहली बार1967 में चुनाव हुआ था. इस सीट पर सिख, ब्राह्मण, राजपूत और महाजन वोट काफी अहम माने जाते हैं.
बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल की जनता के लिए नए-नवेले मनोहर लाल का पहला चुनाव था. इससे पहले वह संगठनात्मक तौर पर करनाल की राजनीति से जुड़े रहते थे. मनोहर उतरे तो आहिस्ता-आहिस्ता करके पूरा विधानसभा क्षेत्र मनोहरमय होता चला गया. चुनाव जीतने के बाद मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने.
पिछले साल के चुनाव की तुलना में स्थितियां इस चुनाव में बदली हुई है. पिछली बार मनोहर लाल महज एक विधायक पद के दावेदार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे और इस बार सीएम मनोहर लाल जनता के बीच उतर रहे हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने 63 हजार 773 मतों से जीत हासिल की थी और कुल वोट 82 हजार 485 मिले थे. ऐसे में इस बार जीत का यह अंतर कितना रहता है.
हालांकि पिछले चुनाव में भी विपक्षी हवा का रुख पहले ही भांप चुके थे. यही वजह थी कि करनाल विधानसभा से लगातार दो बार की विधायक सुमिता सिंह ने यहां से चुनाव लड़ने से ही इन्कार कर दिया था और वह असंध विधानसभा में चली गई थीं. मंझधार में फंसी कांग्रेस ने तत्कालीन ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेंद्र नरवाल को टिकट थमा दिया. करनाल की राजनीति में दिग्गज माने जाने वाले पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता निर्दलीय उतरे लेकिन उनका जादू भी बेसअर हो गया. हालांकि वह चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे.