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हरियाणा में फिर जाट आंदोलन की तैयारी, सीएम खट्टर ने मांगी अर्द्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां

हरियाणा में आरक्षण को लेकर 29 जनवरी से जाटों का आंदोलन फिर शुरू होने की संभावना के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने राज्य में 7000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अर्द्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग की है.

इससे पहले हुए इसी तरह के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी इससे पहले हुए इसी तरह के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी
साद बिन उमर
  • चंडीगढ़,
  • 24 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:18 AM IST

हरियाणा में आरक्षण को लेकर 29 जनवरी से जाटों का आंदोलन फिर शुरू होने की संभावना के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने राज्य में 7000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अर्द्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग की है.

इससे पहले हुए इसी तरह के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था, जिसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए है.

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दरअसल जाट समुदाय के संगठनों ने खट्टर सरकार पर आरक्षण की उनकी मांग पूरी नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्य के 19 जिलों में फिर से विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है. इन 19 जिलों में रोहतक, सोनीपत, भिवानी, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पानीपत, हिसार, जींद, कैथल एवं फतेहाबाद शामिल हैं.

बीजेपी सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति प्रमुख यशपाल मलिक ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा, 'हम अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) दर्जा हासिल करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कई गांवों में पिछले 11 महीनों से पंचायत कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि हरियाणा और केंद्र की बीजेपी सरकार ने पिछली बार हमारे साथ धोखा किया और हमसे झूठे वादे किए, ताकि हम आंदोलन रोक दें. मलिक ने साथ ही कहा कि निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के फर्जी मामलों में हमारे युवाओं को निशाना बनाया गया.

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वहीं हरियाणा सरकार ने आंदोलन की योजनाओं के मद्देनजर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों (करीब 5500 जवान) की मांग की है और राज्य में 7,000 होम गार्डों की प्रतिनियुक्ति के लिए कॉल आउट नोटिस भी जारी किया है.

हरियाणा में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम निवास ने कहा, विभिन्न आंदोलनरत संगठनों के नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने का आश्वासन दिया है, लेकिन प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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