
हरियाणा में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. इस कड़ी में शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस के निर्वाचित सभी 31 विधायक शामिल होंगे, जो विधायक दल का नेता चुनेंगे. भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल नेता चुने जाने की राह में कोई मुश्किल नजर नहीं आ रही है.
रणदीप सुरजेवाला के चुनाव हारने और कांग्रेस कई नेताओं के साइड लाइन हो जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जाना लगभग तय है. इसके बाद उनका विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने का रास्ता भी साफ हो जाएगा. कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा विधानसभा स्पीकर को एक पत्र लिखकर बैठक की कार्यवाही के बारे में अवगत कराया जाएगा. इसके बाद विधानसभा स्पीकर द्वारा नेता प्रतिपक्ष को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा में कांग्रेस भले ही सत्ता में न आ पाई हो, लेकिन उसने बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा छूने नहीं दिया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 31 सीटें जीतने में कामयाब रही है. इसका श्रेय भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जाता है. इस बार के जीते हुए ज्यादातर विधायक हुड्डा के करीबी हैं. ऐसे में हुड्डा के खिलाफ किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है.
हालांकि कांग्रेस की पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी कुछ चुनौती पेश कर सकती हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले किरण चौधरी की जगह जिस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएलपी लीडर बनाया गया था. इसी के चलते माना जा रहा है कि हुड्डा के नाम पर मुहर लगनी तय है. कांग्रेस के अंदरूनी राजनीतिक हालातों पर अगर नजर डालें तो किरण चौधरी का हुड्डा गुट के साथ हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है. ऐसे में देखना होगा कि चौधरी किस तरह से बैठक में चुनौती बनती हैं.
दरअसल पिछले पांच साल के दौरान बिखराव और राजनीतिक गलतियों से सबक लेते हुए कांग्रेस अभी से बीजेपी-जेजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने में जुट गई है. पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी शैलजा ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ ही पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय महासचिव मधुसूदन मिस्त्री भी मौजूद रहेंगे.
कांग्रेस की इस बुलाई बैठक में जीते हुए विधायकों के साथ-साथ चुनाव हारने वाले सभी प्रत्याशियों, जिला समन्यवकों के अलावा उन सभी नेताओं को बुलाया गया है जिन्होंने चुनाव में अहम भूमिका निभाई है. कांग्रेस द्वारा 5 से 15 नवंबर तक विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन करने की रणनीति को भी अमलीजामा पहनाया जाएगा. इस दौरान कांग्रेसी नेता सदन में खट्टर-दुष्यंत सरकार को घेरने का काम करेंगे तो पार्टी नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ घेराबंदी करेंगे.